कांवड़ यात्रा पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई, कोर्ट ने दो दिन में मांगा जवाब


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को लेकर पेंच फंस सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य सरकार ने कांवड यात्रा को मंजूरी दी है। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। मगर सुप्रीम कोर्ट ने यात्रा की इजाजत देने के मामले में स्वतः संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार तथा योगी सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।

इस मामले में अगली सुनवाई, शुक्रवार 16 जुलाई को होगी। जस्टिस एफ नरीमन की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में नोटिस भेजा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर की आशंका को लेकर देश के लोगों को आगाह कर चुके हैं। नागरिकों से 2 गज की दूरी बनाए रखने की अपील की जा रही है। साथ ही धार्मिक वजह से जुटने वाली भीड़ को देखते हुए प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। बावजूद इसके राज्य सरकारें कांवड़ यात्रा को इजाजत दे रही है। इसलिए हम उनका पक्ष जानना चाहते हैं। बताते चलें कि 1 दिन पहले ही उत्तराखंड राज्य सरकार ने कांवड़ यात्रा रद्द करने की घोषणा की थी। नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि उनके लिए लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है।

इसलिए इस साल कांवड़ यात्रा रद्द रहेगी। दूसरे राज्यों से आने वाले कांवड़ियों के लिए आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा। हालांकि यूपी के मुख्यमंत्री कावड़ यात्रा कराने के पक्ष में हैं। विगत दिनों ही उन्होंने इस संबंध में समीक्षा बैठक की थी। इसमें सभी जिलाधिकारियों और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा था कि कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां पूरी की जाएं। कांवड़ियों को किसी तरह की समस्या नहीं आनी चाहिए। साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराने के लिए भी अफसर जरूरी कदम उठाएं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ यात्रा रद्द हो सकती है। इसका फैसला शुक्रवार, 16 जुलाई को होगा।

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