प्राकृतिक उत्पादों को फैलाने पर जोर, वेबिनार के जरिए बताई जरूरत
एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन, एमिटी इंटरनेशनल
सोसाइटी फॉर नेचुरल प्रोडक्ट ने सोसाइटी ऑफ इथोनोफॉर्माकोलॉजी ऑफ इंडिया के
सहयोग से अंर्तराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें नीदरलैंड के
लीडेन विश्वविद्यालय के आईबीएल के नेचुरल प्रोडक्स लैबोरेटरी के प्रोफेसर
राबर्ट वेरर्पोटे ने ‘प्रकृति और पूर्वजों से सीखो’ विषय पर जानकारी दी।
इस
अवसर पर एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक कुमार चौहान,
एमिटी फूड एंड एग्रीकल्चर फांउडेशन की महानिदेशिका डॉ नूतन कौशिक ने प्रो
राबर्ट का स्वागत किया। वेबिनार
में मणिपुर के इंस्टीटयूट ऑफ बायोरिर्सोस एंड संस्टेनेबल डेवलपमेंट के
निदेशक डॉ पुलोक कुमार मुखर्जी, जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के एसोसिएट
प्रोफेसर डॉ सैयद अहमद और एमिटी सांइस टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फांउडेशन के
अध्यक्ष डा डब्लू सेल्वामूर्ती भी उपस्थित थे। इस मौके पर प्रोफेसर राबर्ट
वेरर्पोटे ने बताया कि पांरपरिक दवाओं से संबधित नैदानिक परीक्षणों में
चुनौतियों के बारे में बताया।
उन्होंने पांरपरिक चिकित्सा में अपनाई जाने
वाली रणनीतियों सहित व्यापक निष्कर्षण पर नवीन दृष्टिकोण पर जानकारी दी। उन्हानें
कोरोना औषधि के बारे में भी जानकारी दी। डॉ अशोक कुमार चौहान ने कहा कि यह
वेबिनार प्राकृतिक उत्पादों में भारत की उपस्थिति को और बढ़ाने की दिशा में
सार्थक पहल है। एमिटी सदैव छात्रों को शोध और नवोन्मेष के लिए प्रेरित
करता है। डॉ चौहान ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास बिना शोध के संभव
नहीं है। प्राकृतिक उत्पादों में दुनिया भर के वैज्ञानिकों के बीच तालमेल
विकसित करने के मिशन में एमिटी द्वारा एमिटी इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ नैचुरल
प्रोडक्ट्स की स्थापना की गई है।