''ओलंपिक में भारत से उम्मीदे" विषय पर एक वेबिनार का किया गया आयोजन
लखनऊ। सूचना प्रसारण मंत्रालय पत्र सूचना कार्यालय भारत सरकार लखनऊ द्वारा ''ओलंपिक में भारत से उम्मीदे" विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार में हिस्सा लेते हुये पूर्व ओलंपिक पद विजेता करतार सिंह ने कहा कि पहले खिलाड़ियों के पास मूलभूत बुनियादी सुविधायें नहीं मौजूद थी लेकिन अब भारतीय खिलाड़ियों के पास विश्व स्तर की सुविधाये और कोच मौजूद है।
उन्होंने कहा कि मैं बहुत आशावादी हूं कि इस बार भारतीय खिलाड़ी अधिक से अधिक संख्या में मेडल लेकर आयेंगे। करतार सिंह ने कहा कि अगर हम लगातार ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं तो बच्चों के स्कूल में स्पोर्टस का एक क्लचर बनाना होगा। नवयुवक खिलाडियों के लिए एडवांस लेवल की ट्रेनिंग देनी होगी। हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि स्कूल सिर्फ पढाई ही नहीं बल्कि खेलकूद का भी केंद्र बने। साई लखनऊ केंद्र के निदेशक संजय सारस्वत ने वेबिनार को संबोधित करते हुये कहा कि भारत की पहचान विदेशों में हांकी रही है। भारतीय स्पोर्टस में हमें लंबे समय तक कोई मेडल नहीं मिला उसकी एक खास वजह ये थी कि हमारे सामाजिक ताने बाने में स्पोर्टस को देर से जगह मिली.खेलों के बजाए पढाई लिखाई को ज्यादा तरजीह दी गयी।''खेलोगे कूदोगे तो बनोग नवाब'' इस स्लोगन का फालो करना होगा,तभी हम अधिक से अधिक मेडल ला पायेंगे।
उन्होंने कहा कि खिलाड़ी
ओलंपिक में एक योद्दा की तरह देश को रिप्रजेंट करता है।इसिलये यह आवश्यक है
कि पूरा देश उनके पीछे खड़ा हो। भारत सरकार ने अपनी खेल नीतियों में जो
परिवर्तन किया है उसी का परिणाम हैं कि आज बड़ी सख्या में खिलाड़ी ओलंपिक
में हिस्सा ले रहे है।फिट इंडिया मिशन खिलाडियों के प्रदर्शन को मजबूत
करेगा। संजय सारस्वत ने कहा कि हांकी और रेसलिंग से देश को बड़ी
उम्मीदे हैं। एथलेटिक कोच अशोक
कुमार पांडे ने वेबिनार को संबोधित करते हुये कहा कि टोक्यों ओलंपिक से एक
नये भारत की शुरुआत होगी और इस ओलंपिक में एथलेटिक से भारत 3 से 4 मेडल की
उम्मीदें कर सकता है और इसका श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
को जाता है जो कि खेल के बारे में सोचते है।उन्होंने कहा कि टोक्यों
ओलंपिक एक खेल नहीं बल्कि युद्द है।एक अनुमान लगाते हुये उन्होंने कहा कि
भारत 15 मेडल जात सकता है।