उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शहीद मंगल पाण्डेय के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की
लखनऊ। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज अपने लखनऊ सरकारी आवास-7 कालिदास मार्ग पर
माँ भारती के वीर सपूत व अमर बलिदानी मंगल पाण्डेय की जयन्ती पर उनके चित्र
पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर उन्हे नमन किया। इस
अवसर पर उन्होने कहा कि भारतीय स्वाधीनता की क्रान्ति के अग्रदूत, महान
क्रान्तिकारी मंगल पाण्डेय, जिनकी गर्जना से ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिल
गयी थी, का संघर्ष, हम सभी को निरंकुशता, अत्याचारों और दमनकारियों के
खिलाफ आवाज उठाने की प्रेरणा देता है।
शहीद मंगल पाण्डेय की जयन्ती पर
उन्हे नमन करते हुये, श्री मौर्य ने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता
आंदोलन में उनकी मुख्य भूमिका रही। देश, शहीद मंगल पाण्डेय को आजादी की
लड़ाई के महानायक के रूप में सम्मान देता है। वीरों और देशभक्तों व
क्रान्तिकारियों के निरन्तर संघर्षों की अमर गाथा में शहीद मंगल पाण्डेय का
नाम बहुत ही श्रद्धा के साथ लिया जाता है। अंगे्रजों की दासता से देश को
मुक्त कराने के लिये हंसते-हंसते उन्होने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।
अपनेे बगावती तेवरों से अंग्रेजों को नाकों तले चने चबाने पड़े। शहीद
मंगल पाण्डेय के गौरव व उनके संघर्षों की याद ताजा करते हुये केशव
प्रसाद मौर्य ने कहा कि उनका जीवन शौर्य और साहस की अद्वितीय मिशाल है।
उनके संघर्ष की कहानियां देशप्रेमियों में आज भी नयी उर्जा व नये उत्साह का
संचार तो करती ही हैं, साथ ही देश प्रेम के प्रति एक नया जज्बा भी पैदा
करती हैं। मौर्य ने कहा कि उनमें व्यवहारिक बुद्धि ज्यादा थी। साहस और
वीरता की प्रतिभा उनमें कूट-कूट कर भरी थी। मंगल पाण्डेय के प्रयासों और
संघर्षों का नतीजा था कि 1857 में भड़की क्रान्ति, 90 वर्षों के बाद 1947
में भारत की पूर्ण स्वतंत्रता का सबब बनी। मौर्य
ने कहा कि शहीद मंगल पाण्डेय की जयन्ती पर हम सबको संकल्प लेना चाहिये कि
जब भी देश की तरफ कोई बुरी नजर उठाकर देखे, तो हमें मंगल पाण्डेय को याद
करते हुये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिये तैयार रहना चाहिये।