गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, दो घंटे चली सीबीआई की छानबीन
गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच की आंच नोएडा और ग्रेटर
नोएडा तक पहुंच गई। सीबीआई की एक टीम ने ग्रेटर नोएडा की एनआरआई सिटी के एक
मकान में करीब दो घंटे तक छानबीन की और फिर लौट गई। सीबीआई के आने की किसी
को कानोकान खबर नहीं लगी। यह मकान सिंचाई विभाग के तत्कालीन एसई रूप सिंह
यादव का बताया जा रहा है।
गोमती
रिवर फ्रंट घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सोमवार को एक साथ ताबड़तोड़
छापेमारी की। सीबीआई की टीम सुबह करीब आठ बजे ओमेक्स एनआरआई सिटी के मकान
नंबर सी-409 ई में पहुंच गई। टीम यहां पर दो घंटे से अधिक समय तक रही।
बताया जाता है कि यह मकान सिंचाई विभाग के तत्कालीन एसई रूप सिंह यादव का
है। यहां पर छानबीन के बाद टीम करीब 10 बजे निकल गई। टीम के आने की खबर
किसी को नहीं लगी। एनआरआई
सिटी के सुरक्षा अधिकारी नरेश सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब 8 बजे
सीबीआई की टीम आई थी। टीम यहां करीब दो घंटे तक छानबीन की। इसके बाद टीम
चली गई।
इस मकान में केवल केयरटेकर ही रहता है। यह मकान अभी पूरी तरह से
बना भी नहीं है। इसमें उतना ही निर्माण हुआ है, जिससे पूर्णता प्रमाण पत्र
मिल जाए। सीबीआई
के इस एक्शन से परियोजना में शामिल इंजीनियर, ठेकेदारों और काम कराने वाली
संस्थाओं में खलबली मच गई है। अब तक समाजवादी पार्टी ने इस पर कोई
प्रतिक्रिया नहीं दी है। सोमवार की सुबह सीबीआई की टीम ने गौतमबुद्ध
नगर-गाजियाबाद से लेकर गोरखपुर तक देश भर के 40 शहरों में एक साथ छापेमारी
की। तत्कालीन सुपरिटेंडेंट इंजीनियर रूप सिंह यादव का शिवालिक अपार्टमेंट
कौशांबी, गाजियाबाद में भी एक आवास है। इसके अलावा उन्होंने ग्रेटर नोएडा
के NRI City में आवास लिया है। इन दोनों जगहों पर सीबीआई की टीम
जांच-पड़ताल की है।
घोटाले
के एक अन्य आरोपी सत्येंद्र त्यागी पर भी जांच एजेंसी का शिकंजा कसा है।
सीबीआई ने नोएडा के सेक्टर-29 में स्थित उनके आवास पर छापेमारी कर रही है।
गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य से जुड़े इंजीनियरों पर कई गंभीर आरोप
हैं। इंजीनियरों पर दागी कंपनियों को काम देने, विदेश से महंगा सामान
खरीदने, चैनलाइजेशन के कार्य में घोटाला करने, नेताओं और अधिकारियों के
विदेश दौरे में फिजूलखर्ची करने सहित वित्तीय लेन-देन में घोटाला करने और
नक्शे के अनुसार कार्य नहीं कराने का आरोप है।