जिंदा बच्चे को मरा घोषित कर परिजनों को थमाया डेथ सर्टिफिकेट
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के कैसरबाग थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक
हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां वीरांगना अवंती बाई (डफरिन)
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से एक नवजात ने जन्म लेते ही दम तोड़
दिया। रविवार सुबह बच्चे ने अस्पताल में जन्म लिया, इसके बाद अस्पताल ने
बच्चे को बीमार बता के कुछ देर बाद मृत घोषित कर दिया।
जब परिजन बच्चे को
लेकर घर पहुंचे तो पता चला बच्चे की सांसें चल रही है लेकिन जब तक ये पता
चलता बच्चा जिंदा है तब तक बहुत देर हो चुकी थी। परिजन बच्चे को लेकर जब
दुबारा अस्पताल पहुंचते हैं तो पता चलता है कि देर हो गई है अगर समय रहते
अस्पताल पहुंच गए होते तो बच्चे की जान बच सकती थी। पीड़ित
परिजन राम निवास ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए बताया कि रविवार
सुबह डिलीवरी केस की वजह से अपनी पत्नी प्रीति शर्मा को रानी लक्ष्मीबाई
अस्पताल में भर्ती करता है। जहां पर नॉर्मल डिलीवरी से लड़के का जन्म सुबह
6:35 में हुआ। वहां पर डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को ऑक्सीजन की आवश्यकता है
जोकि हमारे हॉस्पिटल में नहीं है। इसलिए हम वीरांगना अवंती बाई में बच्चे
को रेफर कर रहे हैं। इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर करीब 1:30 बजे अस्पताल
पहुंच कर बच्चे को भर्ती करा देते हैं।
इसके बाद अस्पताल प्रशासन दोपहर
2:00 बजे नवजात को मृत घोषित कर देता है और डेथ सर्टिफिकेट भी परिजनों को
थमा देता है। घर
लाने के बाद पता चला कि बच्चे की सांसे चल रही है तो हमने 6:00 बजे डॉक्टर
बंसल चौक को दिखाया तो उन्होंने बताया कि बच्चे को वेंटिलेटर जरूर थी।
लेकिन अब एक घंटा देर हो चुकी है एक घंटा पहले आते तो जान बचा सकते थे,
बच्चे की मृत्यु तकरीबन शाम 6.15 बजे हो जाती है। वहीं
इस मामले को लेकर पीड़ित परिवार का कहना है की इस संबंध में हम लोग
संबंधित थाने में शिकायती पत्र दर्ज करवाएंगे और कठोरतम कार्रवाई की मांग
करेंगे क्योंकि जिस तरह से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते हमारे
नवजात बेटे के साथ घटना हुई है तो ऐसे में हम नहीं चाहते हैं कि यह लोग
भविष्य में किसी अन्य व्यक्ति के साथ इस तरह की घटना को कारित कर सके।