प्राइवेट स्कूल फीस के मुद्दे पर अभिभावकों के हित में स्पष्ट नीति बनाकर तुरंत राहत दे सरकार- वैभव माहेश्वरी
लखनऊ। निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल मे ऑनलाइन पढ़ाई के एवज
में भी पूरी फीस वसूले जाने को ले कर जनता में भारी आक्रोश और तकलीफ है।
राजधानी लखनऊ सहित कई अन्य शहरों में कई निजी स्कूलों के बाहर अभिभावकों के
ग्रुप अपनी मांगों को लेकर इकट्ठे हुए और पोस्टर इत्यादि दिखा कर
प्रदर्शन किए।
आम आदमी पार्टी ने खुल कर अभिभावकों की मांगों का समर्थन
करते हुए उनको वाजिब बताया है और योगी सरकार से ये मांग की है कि वे कोरोना
काल मे आर्थिक रूप से टूट चुकी जनता को तुरन्त राहत देने के लिये प्रदेश
के स्कूलों को तत्काल एक स्पष्ट आदेश जारी करें, जिसमें स्कूलों द्वारा
2018-2019 सेशन के ब्रेकअप के आधार पर सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने के निर्देश
दिए जाएं । अन्य मदों जैसे, बिल्डिंग, लाइब्रेरी, डेवलपमेंट, लैब, बिजली,
स्विमिंग पूल, स्पोर्ट्स आदि मदों में पैसे न लिए जाने के स्पष्ट और सख्त
निर्देश हों। संघर्षरत अभिभावकों के समर्थन में बयान
जारी करते हुए पार्टी अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि कोरोना काल में
रोजगार पर चोट लगने के बाद पूरा प्रदेश त्राहि त्राहि कर रहा है तो सरकार
का ध्यान इस तरफ क्यों नहीं जा रहा और सरकार स्पष्ट आदेश जारी करके स्कूलों
की मनमानी को क्यों नहीं रोकती।
प्रदेश प्रवक्ता
वैभव माहेश्वरी ने इस बात पर भारी रोष जताया कि सरकार और कोर्ट के स्पष्ट
आदेश हैं कि ऑनलाइन क्लास से किसी भी स्टूडेंट का नाम नहीं काटा जाएगा।
उसके बाद भी मनमानी करते हुए स्कूलों द्वारा हज़ारों बच्चों के नाम काट कर
उन्हें ऑनलाइन क्लास से वंचित कर दिया है। प्रदेश प्रवक्ता ने सरकार से
मांग की है कि ऐसा करने वाले स्कूलों पर तत्काल सख्त कार्रवाई की जाए और इन
सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार को बहाल किया जाए। कोरोना
काल मे अभिभावकों पर पहले ही दोहरी मार पड़ रही है, एक तो उनकी आय पर
विपरीत असर पड़ा है, दूसरा घर मे बच्चों के पढ़ने से अन्य साधनों (इंटरनेट,
कंप्यूटर, बिजली) के इंतज़ाम का अतिरिक्त बोझ भी उन्ही पर आ गया है। ऐसे
में स्कूलों की पूरी फीस का कोई औचित्य नहीं। आम
आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, स्कूलों को व्यापारिक प्रतिष्ठान की
तरह काम करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती,शिक्षा एक व्यापार नहीं है।
शिक्षा देने के नाम पर अधिकतर स्कूल सरकार से सुविधाएं और अन्य भारी छूट
हासिल करते हैं, अब जब दुनिया एक महामारी के जाल में फंसी हुई है, स्कूलों
को संवेदनहीनता की इजाज़त नहीं होनी चाहिए। वैभव माहेश्वरी ने योगी सरकार
से दिल्ली सरकार से सीख लेने की अपील की। कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी
की सरकार ने 6 साल में निजी स्कूलों की फीस में ₹1 की वृद्धि नहीं होने
दी। कोरोना काल में सिर्फ ट्यूशन फीस ली जा रही है। इसमें भी 15 फीसद की
कटौती की गई है। वहां सरकारी स्कूल भी वर्ल्ड क्लास हैं। जिनके पास निजी
स्कूलों की फीस देने की व्यवस्था नहीं है उनके लिए सरकारी स्कूलों में बिना
टीसी प्रवेश की व्यवस्था भी की गई है। वैभव
माहेश्वरी ने पार्टी की ओर से मांग की कि तुरंत एक विस्तृत आदेश जारी किया
जाए, और अभिभावकों को राहत दिलाई जाए, अन्यथा पार्टी भी स्कूल फीस पर, जनता
के समर्थन में एक बड़ा आंदोलन करेगी।