दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन का काम शुरू, डीएम और रेल कॉरपोरेशन की बैठक में हुआ बड़ा फैसला
दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी खबर
है। शुक्रवार को गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई और हाई स्पीड रेल
कॉरपोरेशन के अफसरों के बीच बैठक हुई है। जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए
हैं। इस बारे में जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर में
भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हाई स्पीड ट्रेन को
जितनी जमीन की आवश्यकता है, उसमें से करीब 70 फ़ीसदी उपलब्ध है। बाकी 30
फ़ीसदी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। यह भूमि अधिग्रहण वर्ष 2013 के भूमि
अधिग्रहण कानून के तहत होगा। डीएम
सुहास एलवाई ने कहा, "गौतमबुद्ध नगर में हाई स्पीड ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए
160.81 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। इसमें से मात्र 60.19 हेक्टेयर जमीन
किसानों से ली जाएगी। बाकी 100 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन सरकारी है। यह हाई
स्पीड ट्रेन दिल्ली से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा,
कन्नौज, लखनऊ और रायबरेली होते हुए वाराणसी पहुंचेगी।" डीएम ने आगे कहा,
"गौतमबुद्ध नगर में हाई स्पीड रेल परियोजना का काम शुरू हो गया है।
शुक्रवार को हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन के अधिकारी आए थे। उनके साथ जिला
प्रशासन की बैठक हुई है।" डीएम
ने बताया कि इस बैठक में सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया
है। जिन किसानों से जमीन इस परियोजना के लिए ली जाएगी, उन्हें भूमि
अधिग्रहण कानून के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे। किसानों से भूमि अधिग्रहण करने
की योजना तैयार कर ली गई है। जल्दी ही यह काम शुरू हो जाएगा। सुहास एलवाई
ने कहा, "दिल्ली के बाद बुलेट ट्रेन के रूट में सबसे पहले गौतमबुद्ध नगर
जिला आएगा। लिहाजा, किसी भी तरह का व्यवधान और देरी परियोजना में न आए,
इसके लिए जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं।" नई
दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड ट्रेन कॉरिडोर पर गौतमबुद्ध नगर ऐसा अकेला जिला
होगा, जिसमें दो स्टेशन बनाए जाएंगे।
गौतमबुद्ध नगर में पहला स्टेशन नोएडा
शहर के सेक्टर-144 में बनेगा। यहीं नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो का स्टेशन भी
है। दूसरा स्टेशन जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल में बनाया जाएगा। कंपनी ने टर्मिनल बिल्डिंग में हाई स्पीड ट्रेन का स्टेशन बनाने का
प्रस्ताव दिया है। बिल्डिंग की एक मंजिल पर जेवर मेट्रो का स्टेशन बनेगा और
दूसरी मंजिल पर रैपिड रेल का स्टेशन बनाया जाएगा। आपको बता दें कि इस
कॉरिडोर की लम्बाई 865 किलोमीटर होगी। इस पर ट्रेन की औसत रफ्तार 320
किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। इस परियोजना को पूरा करने के लिए लगभग 1.21 लाख
करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।