उ0प्र0 स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत 13 नये इन्क्यूबेटर्स को शासकीय मान्यता
उ0प्र0 स्टार्टअप नीति-2020 के अन्तर्गत अपर मुख्य सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स श्री अरविंद कुमार की अध्यक्षता में गठित नीति कार्यान्वयन इकाई द्वारा आज प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में 13 नये इन्क्यूबेटर्स को शासकीय मान्यता हेतु अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है। अपर मुख्य सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2020 में अपनी नई उ0प्र0 स्टार्ट-अप नीति-2020 प्रख्यापित की है तथा नीति के अंतर्गत 5 वर्षों में प्रदेश में 100 इन्क्यूबेटर्स तथा राज्य के प्रत्येक जनपद में कम से कम एक इनक्यूबेटर की स्थापना/सहायता करने का संकल्प निहित है।
उ0प्र0 स्टार्ट-अप नीति-2020 में इन्क्यूबेटर्स को प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना/क्षमता विस्तार के लिए पूंजीगत अनुदान तथा परिचालन व्ययों की प्रतिपूर्ति की व्यवस्था है। उ0प्र0 स्टार्ट-अप नीति-2020 तथा पूर्ववर्ती सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2018 के अन्तर्गत अब तक कुल 24 इन्क्यूबेटर्स को शासकीय मान्यता प्रदान की जा चुकी है। नीति कार्यान्वयन इकाई द्वारा आज मान्यता प्रदान किए गए 13 इन्क्यूबेटर्स सहित यह संख्या अब 37 तक पहुंच गई है। यह इन्क्यूबेटर्स प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थापित होंगे। पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड का प्रतिनिधित्व बढ़कर अब मान्यता प्राप्त 06 इन्क्यूबेटर्स का हो गया है। इन सभी इन्क्यूबेटर्स के कायर्कलापों को नीति कायार्न्वयन इकाई के समक्ष एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदर्शित किया गया, जिसमें प्रदेश में स्टार्टअप ईकोसिस्टम को बढ़ावा देने हेतु एक विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
इन्क्यूबेटर्स में इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप द्वारा एग्रीटेक, आटिर्फिशिएल इन्टेलीजेन्स (ए.आई.), इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आई.ओ.टी.), मशीन लर्निंग, ई-कॉमर्स, बायोटेक्नोलॉजी, पयर्टन, रूरल इनोवेशन आदि महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है। शासन द्वारा मान्यताप्राप्त यह सभी इन्क्यूबेटर्स प्रदेश में उदीयमान एवं नवीन तकनीकी क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को सहयोग करते हुए एक सुदृढ़ स्टार्टअप ईकोसिस्टम का निमार्ण करेंगे। उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 के अंतर्गत गठित नीति कार्यान्वयन इकाई की बैठक में अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई, नवनीत सहगल, विशेष सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, ऋषिरेंद्र कुमार, विशेष सचिव वित्त, नीलरतन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।