स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि गौरव व सम्मान का प्रतिमान है- के0के0 यादव

वाराणसी। आजादी का अमृत महोत्सव रूप में स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ डाक विभाग द्वारा वाराणसी में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। वाराणसी कैंट प्रधान डाकघर कैंपस में आयोजित समारोह में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने ध्वजारोहण किया और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 डाककर्मियों को सम्मानित किया।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि गौरव और सम्मान का प्रतिमान है। हम अपने क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करते हुए और लोगों की मदद करके भी देश की प्रगति में अपना योगदान दे सकते हैं। यादव ने कहा कि, अमृत महोत्सव हमें यह अवसर देता है कि हम आजादी को नए सिरे से महसूस करें और अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति भी जागरूक हों। स्वाधीनता के मूल्य को पहचानने और देश के लिए त्याग व बलिदान देने वाले महापुरुषों को याद करते हुए नई पीढ़ी को जोड़ने का कार्य भी करना होगा। यादव ने कहा कि भारत सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाएँ डाकघरों के माध्यम से संचालित हो रही हैं। इन्हें समाज के सभी लोगों तक पहुंचाकर हम लोगों को उनका अधिकार दिला सकते हैं और अपने कर्तव्यों की पूर्ति कर सकते हैं। यही स्वतंत्रता दिवस की असली सार्थकता होगी।

इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल ने क्षेत्रीय कार्यालय, वाराणसी के सहायक निदेशक राम मिलन, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, सहायक लेखाधिकारी संतोषी राय, जाँच निरीक्षक विश्वम्भर नाथ द्विवेदी, श्रीकांत पाल, कार्यालय सहायक श्रवण कुमार सिंह, ललित कुमार सिंह, शम्भू प्रसाद गुप्ता, शम्भू कुमार, शशिकांत वर्मा, विजय कुमार, राकेश कुमार को  सम्मानित किया गया। वाराणसी पूर्व मंडल के डाक सहायक शोभनाथ, अतुल कुमार मौर्या, अनिल कुमार शर्मा, शुयष मिश्रा, डाक अधिदर्शक महेश प्रसाद शुक्ला, पोस्टमैन खदेरन यादव, निखिल कुमार, एम.टी.एस. दिनेश तिवारी, ग्रामीण डाक सेवक अनुज कुमार, सुरेश कुमार एवं वाराणसी पश्चिम मंडल के डाक अधिदर्शक संजय कुमार, ग्रामीण डाक सेवक दीपू शर्मा, प्रीती गुप्ता, सुरेन्द्र कुमार सिंह, मो. हफीज़ अहमद को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें