प्रधानमंत्री मोदी ने किये कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन, दी श्रद्धांजलि


लखनऊ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

मोदी आज पूर्वाह्न सिंह के लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित आवास पर पहुंचे जहां उनका पार्थिव शरीर रखा गया था। प्रधानमंत्री ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने कल्याण सिंह के परिजन से भी मुलाकात कर उनके प्रति संवेदना प्रकट की।मोदी ने इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि कल्याण सिंह ने अपने नाम को सार्थक किया और जीवन भर लोगों के लिए काम करते हुए जनकल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी। वह हर एक के लिए प्रेरणा का केंद्र थे और जनसामान्य के लिए भी प्रेरणा का प्रतीक बने। मेरा सभी से आह्वान है उनके आदर्श और संकल्पों को लेकर अधिकतम पुरुषार्थ करें और उनके सपनों को पूरा करने में कोई कमी ना रखें।

उन्होंने कहा "प्रभु श्री राम कल्याण सिंह को अपने चरणों में स्थान दें और वह उनके परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति दें। इसके अलावा यहां के मूल्यों आदर्शों और संस्कृतियों और परंपराओं में विश्वास करने वाले हर दुखी जन को प्रभु राम ढांढस दें, यही प्रार्थना करता हूं।" दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह ने कहा कि उनके पिता ने राम मंदिर आंदोलन के लिए ही जन्म लिया था। सिंह के सांसद पुत्र राजवीर सिंह ने लखनऊ की स्थित आवास पर अपने पिता के अंतिम दर्शन के दौरान वहां लग रहे 'जय श्री राम' के नारों की तरफ इशारा करते हुए संवाददाताओं से कहा "मेरे पिता का जन्म केवल इसी (जय श्री राम) लिये हुआ था। वह राम मंदिर के निर्माण के प्रति प्रतिबद्ध थे और अब वह राम से जा मिले हैं। वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण को देखेंगे। वह रामलला के पास पहुंच चुके हैं।"

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर को विधान भवन और भाजपा प्रदेश कार्यालय भी ले जाया गया। पार्टी दफ्तर में मिर्जापुर से अपना दल-सोनेलाल की सांसद अनुप्रिया पटेल ने सिंह के अंतिम दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कल्याण सिंह के साथ राजनीति के एक युग का भी समापन हो गया है। सिंह उनके पिता समान थे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका निधन राष्ट्रवादी राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके नेतृत्व में राष्ट्रवाद ने उत्तर प्रदेश की सीमाओं को पार किया और भारत के विभिन्न हिस्सों में पहुंचा। वह राष्ट्रवाद का बड़ा चेहरा थे। वह एक सख्त प्रशासक थे और अगर उनका कोई करीबी व्यक्ति भी गलत काम करता था तो वह उसके खिलाफ कार्रवाई करने से कभी नहीं हिचकते थे।

उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन को एक निष्कर्ष तक लेकर गए और एक ऐसी सेना तैयार की जिसने राष्ट्रवाद को जागृत किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और बसपा प्रमुख मायावती ने भी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। राजनाथ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा "हम उनसे (कल्याण सिंह) कहते थे कि हम भूतपूर्व मुख्यमंत्री हैं, मगर आप अभूतपूर्व मुख्यमंत्री हैं। इस पर वह मुस्कुरा देते थे। मैंने कल्याण सिंह को हमेशा बड़े भाई के तौर पर माना।" राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉक्टर दिनेश शर्मा सहित बड़ी संख्या में केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, पार्टी पदाधिकारियों ,विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, गणमान्यजनों तथा समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उन्होंने 23 अगस्त को एक दिन का सार्वजनिक अवकाश की भी घोषणा की है। कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी ढांचा ढहाए जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। इस घटना के बाद सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सिंह को गत चार जुलाई को संक्रमण तथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य समस्याएं होने पर एसजीपीजीआई के गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था। उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और शनिवार रात उनका निधन हो गया।

सिंह की अंतिम यात्रा भाजपा कार्यालय से अलीगढ़ स्थित उनके पैतृक आवास के लिए निकली। रास्ते में जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं तथा आम लोगों ने पुष्प वर्षा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और बिहार के राज्यपाल फागु चौहान ने भी कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि दी। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह का शनिवार को रात सवा नौ बजे लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष के थे। वह पिछले काफी समय से बीमार थे। पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को अलीगढ़ ले जाया गया जहां उसे स्थानीय लोगों के दर्शन के लिए अहिल्याबाई स्टेडियम में रखा गया है। अंतिम संस्कार 23 अगस्त को बुलंदशहर के नरौरा में गंगा तट पर किया जायेगा।

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