जयपुरिया स्कूल में वर्चुअल तरीेके से मना संस्कृत दिवस


लखनऊ। विश्व की अनेक भाषाओं में संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक भाषा है।संस्कृत है संस्कारों की भाषा। संस्कृत साहित्य ज्ञान-विज्ञान एवं नैतिक मूल्यों का स्त्रोत है। हम भारतीयों को संस्कृत का ज्ञान होना अति आवश्यक है, ताकि हमारे अस्तित्व की रक्षा हो सके। संस्कृत भाषा के प्रसार-प्रचार एवं संरक्षण के लिये भारत सरकार ने इस दिन को संस्कृत दिवस के रूप में मान्यता प्रदान की है।


विश्व संस्कृत दिवस मौके पर सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल विनीत खंड गोमतीनगर लखनऊ के छात्रों व अध्यापकों ने वर्चुअल तरीके से संस्कृत दिवस मनाया। राजधानी में सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल ऐसा एकमात्र स्कूल है जहां एल केजी से कक्षा 8 तक अनिवार्य रूप से संस्कृत भाषा में अध्यापन किया जाता है। संस्कृत दिवस पर मंगलाचरण को प्रभावती ने प्रस्तुत कर कार्यक्रम का आरंभ हुआ। तत्पश्चात डा. सुधीर तिवारी ने नगरे-नगरे ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृत श्लोक सारगर्भित कथा से श्रीमद्भगवत गीता की सार्थकता व महत्व पर प्रकाश डाला। पूनम मिश्रा ने गीत के माध्यम से मां सरस्वती की आराधना एवं आनंद मोहन अवस्थी ने संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता पर ज्ञानवर्धक तथ्यों को प्रकाशित किया।


रतनसेन तिवारी के मागदर्शन में विद्यालय के छात्र क्रिनाली और मृत्युजंय ने कृष्णारजुनीयम् नाटय प्रस्तुति दी। डा. सीता मिश्रा ने माधव मोहन संस्कृत गीत प्रस्तुत किया। अनन्य गिरी ने शूरा वयं धीया वयं देशभक्ति संस्कृत गीत के माध्यम से देश के वीर जवानों के प्रति आदर प्रकट किया। डा. विनोद तिवारी ने संस्कृत भाषा के संरक्षण के लिए समाज को सजग किया। नेहा श्रीवास्तव ने संस्कृत कजली गीत के साथ संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन भी किया। अंत में विद्यालय के वाइस प्रिंसिपल डा. अर्चना मिश्रा ने संस्कृत के महत्व को प्रकट करते हुए सभी छात्रों व अध्यापकों को शुभाशीष प्रदान किया।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

जेवर एयरपोर्ट बदल देगा यूपी का परिदृश्य

भाजपा का आचरण और प्रकृति दंगाई किस्म की है- अखिलेश यादव