मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण

बलिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बलिया के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरान्त, उन्होंने नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर विद्यालय में 50 बाढ़ पीड़ितोें को राहत सामग्री का वितरण किया। उन्होंने विद्यालय के सभागार में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के साथ राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की।
 
मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों को प्रभावी ढंग से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी पीड़ित एवं प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध करायी जाए। राहत सामग्री के वितरण में जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। आवश्यकतानुसार तिरपाल की आपूर्ति बढ़ाकर प्रत्येक जरूरतमन्द को इसका वितरण किया जाए। ऐसे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जहां विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है, जहां जेनरेटर, बैटरी आदि के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था एवं मोबाइल चार्ज की सुविधा सुलभ करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत एवं बचाव तथा सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निरन्तर पेट्रोलिंग की जाए। राहत शिविरों में महिला आरक्षियों की तैनाती अनिवार्य रूप से हो। फसल को हुई क्षति का सर्वेक्षण कराकर हर किसान को मुआवजा दिलाना सुनिश्चित किया जाए। कण्ट्रोल रूम निरन्तर संचालित रहें तथा प्राप्त होने वाली सूचनाओं का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्यवाही की जाए।
 
बैठक में खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी, ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बैठक के उपरान्त, मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनपद बलिया में प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य मुस्तैदी से सम्पादित किए जा रहे हैं। एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0, पी0ए0सी0 की जल पुलिस एवं स्थानीय गोताखोरों व नाविकों के माध्यम से सुरक्षित आवागमन व राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में गंगा जी, सरयू जी एवं टोंस नदी के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। यहां 112 राजस्व ग्राम बाढ़ की चपेट में हैं। 1,41,450 की आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के अन्तर्गत निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। साथ ही, राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में पर्याप्त मात्रा में राहत सामग्री वितरित करा रही है। राहत सामग्री के रूप में हर बाढ़ पीड़ित को 10 कि0ग्रा0 चावल, 10 कि0ग्रा0 आटा, 10 कि0ग्रा0 आलू, सूखे खाद्यान्न के रूप में भूजा-चना, लाई, मसाला, नमक, मोमबत्ती आदि आवश्यक सामग्री दी जा रही है। केरोसिन आॅयल भी उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं, जहां केरोसिन आॅयल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, वहां के लिए पेट्रोमैक्स या जनरेटर के माध्यम से प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी से घिरे या इधर-उधर रह रहे बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थल पर राहत शिविरों में पहुंचाने के साथ उनको फूड पैकेट, सामुदायिक किचन के माध्यम से भोजन एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाए। पशुओं के टीकाकरण एवं चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भूसा वितरण के भी निर्देश दिए गए हैं।
 
मेडिकल टीम लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भ्रमण करे। जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग व पंचायतीराज विभाग पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन के लिए एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 या पी0ए0सी0 की स्टीमर या बड़ी नाव का ही प्रयोग किया जाए। बाढ़ प्रभावित गांवों में तैनात नोडल अधिकारी बाढ़ निगरानी समिति के साथ समन्वय बनाकर हर पीड़ित को राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। सिंचाई विभाग कटान की समस्या का तत्परता से समाधान कराए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण प्राप्त करने के सम्बन्ध में जनपद बलिया में बेहतर कार्य हुआ है। अब यहां एक भी कोरोना संक्रमण का मामला नहीं है। आॅक्सीजन की आपूर्ति में आत्मनिर्भरता के लिए जनपद में किया गया प्रयास सराहनीय है। उन्होंने फेफना में बन रहे 100 बेड के आधुनिक सुविधाओं से युक्त सी0एच0सी0 व 10 बेड के पीकू वाॅर्ड के लिए जिला प्रशासन की सराहना की। उन्होंने कोरोना टीकाकरण के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए सबका सहयोग प्राप्त करने के निर्देश दिए।

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