उज्ज्वला योजना के तहत सभी लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

 
महोबा। आज उज्ज्वला योजना के अगले चरण में कई बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा मिल रहा है...मैं सभी लाभार्थियों को फिर से बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों, जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है।
 
ये योजना 2016 में यूपी के बलिया से, आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे की धरती से शुरु हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरे संस्करण भी यूपी के ही महोबा की वीरभूमि से शुरु हो रही है। आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद, देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है...मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे युवा साथियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन की बीच खेल रत्न के साथ जुड़ा दद्दा का ये नाम लाखों करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा। बीते साढ़े 7 दशकों की प्रगति को हम देखते है तो हमें जरूर लगता है कि कुछ स्थितियां, कुछ हालात ऐसे हैं जिनको कई दशक पहले बदला जा सकता था।
 
घर, बिजली, पानी, शौचालय, गैस, सड़क, अस्पताल, स्कूल, ऐसी अनेक मूल आवश्यकताएं है जिनकी पूर्ति के लिए दशकों का इंतज़ार देशवासियों को करना पड़ा। हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्रनिर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी। जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी इसलिए बीते 6-7 सालों में ऐसे हर समाधान के लिए मिशन मोड पर काम किया गया है...स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशभर में करोड़ों शौचालय बनाए गए
बहनों के स्वास्थ्य, सुविधा और सशक्तिकरण के इस संकल्प को उज्ज्वला योजना ने बहुत बड़ा बल दिया है। योजना के पहले चरण में 8 करोड़ गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों की बहनों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया....इसका कितना लाभ हुआ है, ये हमने कोरोना काल में देखा है।

अब मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है....सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है...आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन, यानि खुद लिखकर देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा। बुंदेलखंड सहित पूरे यूपी और दूसरे राज्यों के हमारे अनेक साथी, काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं, दूसरे राज्य जाते हैं लेकिन वहां उनके सामने एड्रेस के प्रमाण की समस्या आती है, ऐसे ही लाखों परिवारों को उज्ज्वला 2.0 योजना सबसे अधिक राहत देगी। बायोफ्यूल एक स्वच्छ ईंधन मात्र नहीं है बल्कि ये ईंधन में आत्मनिर्भरता के ईंजन को, देश के विकास ईंजन को, गांव के विकास ईंजन को गति देने का भी एक माध्यम है,बायोफ्यूल एक ऐसी ऊर्जा है जो हम घर और खेत के कचरे से, पौधों से, खराब अनाज से प्राप्त कर सकते है।
 
अब देश मूल सुविधाओं की पूर्ति से, बेहतर जीवन के सपने को पूरा करने की तरफ बढ़ रहा है,आने वाले 25 साल में इस सामर्थ्य को हमें कई गुणा बढ़ाना है, समर्थ और सक्षम भारत के इस संकल्प को हमें मिलकर सिद्ध करना है, इसमें बहनों की विशेष भूमिका होने वाली है।

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