मतभेद हो जाये कोई बात नहीं मनभेद नहीं होना चाहिए

मतभेद हो जाये कोई बात नहीं मनभेद नहीं होना चाहिए। पवित्र श्रावण मास में शिवार्चन करते-करते दूसरा सूत्र और सीखने योग्य है। भगवान् शिव की गृहस्थी को ध्यान से देखना कि कितने विरोधाभासी लोग भी बड़ी शांति से इस परिवार में रह रहे हैं। माँ पार्वती का वाहन शेर है और शिवजी का नंदी है।

शेर का भोजन है वृषभ, लेकिन यहाँ कोई वैर नहीं है। कार्तिकेय का वाहन मोर है और शिवजी के गले में सर्प हैं। मोर और सर्प की लड़ाई भी जगजाहिर है लेकिन यहाँ ये साथ ही रहते हैं। गणेश जी का वाहन चूहा है और चूहा सर्प का भोजन है। इस परिवार में सब शांति और सदभाव, निर्वैर बिना कलह के जीवन जीते हैं। देश काल, अलग जन्म, अलग जीवन, अलग विचार, अलग उद्देश्य होने के कारण सम्भव है आपकी घर में किसी से ना बने।मतभेद हो जाये कोई बात नहीं मनभेद नहीं होना चाहिए। सबकी स्वतंत्र चेतना का सम्मान करते हुए सबको आदर दें तो हमारा घर भी शिवालय बन सकता है।

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