जन आर्शिवाद यात्रा वास्तव में जन अपमान यात्रा है- अजय कुमार लल्लू

लखनऊ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज भाजपा द्वारा शुरु की गई ‘‘जन आर्शिवाद यात्रा’’ वास्तव में ‘‘जन अपमान यात्रा’’ है। सत्यता यह है कि सत्ता के अहंकार में चूर भाजपा बेरोजगारी से त्रस्त हमारे युवाओं, आठ माह से सड़को पर बैठे बदहाल किसानों को चिढ़ाने के लिए निकाली गई यात्रा है। उ0प्र0 की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है जहां केवल सत्ता का अहंकार एवं निरंकुशता है। जो पंचायत चुनाव में ब्लाक प्रमुखों, जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव के नामांकन में प्रत्याशियों के साथ घटी अपमानजनक घटनाओं और उनके चीर हरण से समझा जा सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि उ0प्र0 में अधिकांश राजनैतिक दल जन मुद्दों को लेकर सड़क पर नहीं उतर सकते यह पुलिसिया उत्पीड़न और दमन का जीता जागता उदाहरण है। बावजूद इसके कांग्रेस साढ़े चार वर्षो से जनहित के मुद्दों पर संघर्ष कर रही है। 23 करोड़ की विशाल आबादी वाला प्रदेश इस समय बेरोजगारी के सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है। हमारे प्रदेश का युवा हताशा एवं निराशा के दौर में है। सरकार के मंत्री द्वारा विधान सभा में पिछले सत्र में स्वयं स्वीकार किया गया कि 36 लाख बेरोजगारों ने सरकारी रोजगार पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है तथा दो सालों में साढ़े 12 लाख पंजीकृत और बढ़े है।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि 70 लाख रोजगार का वादा करने वाली सरकार ने स्वयं स्वीकार किया है कि साढ़े 4 वर्षो में केवल 4 लाख रोजगार दे सकी है। सरकार का खुद का आंकड़ा बेरोजगारी की भयावहता की तरफ इशारा करता है। आये दिन प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विभिन्न भर्ती बोर्डों में परीक्षा दे चुके, फार्म भर चुके नौजवान लाठी खानें एवं गोमती में छलांग लगाने को मजबूर रहते है। उ0प्र0 अधीनस्थ चयन आयोग 2016 से 2019 के बीच 24 प्रकार की भर्ती निकाला जिनमें 22 भर्तियां अटकी पड़ी हुई है। सच यह है कि प्रदेश की बेरोजगारी दर 16 प्रतिशत से अधिक है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उ0प्र0 का किसान अत्यन्त बदहाल स्थिति में है जहां प्रदेश के किसान को पिछले 4 वर्षों मे सरकारी गलत नीतियों के चलते लागत में दोगुने से ज्यादा बढ़ौत्तरी की मार झेल रहा है।

उदाहरण स्वरुप तकनीक पर आधारित आज की खेती में फसल की बुवाई की तैयारी से कटाई, मड़ाई, सिंचाई, ढुलाई आदि सारी चीजों में डीजल का ही उपयोग होता है जिसकी कीमत साढ़े 4 वर्षों में दोगुने से ज्यादा हो गई है उसी अनुपात में उर्वरक, कीटनाशक, बीज की लागत भी बढ़ी है। सरकार की किसान विरोधी नीति का सबसे बड़ा उदाहरण कृषि उपकरणों पर 18 प्रतिशत जी0एस0टी0 है। दोगुने लागत पर सरकार द्वारा घोषित एम0एस0पी0 पर कृषि उपज की खरीद ना हो पाना, लगभग 16 हजार करोड़ से उपर गन्ना मूल्य का भुगतान ना होना, छुट्टा जानवरो की अराजकता से प्रदेश का किसान सबसे मुश्किल दौर में है। मुजफ्फरनगर में भाजपा विधायक की पिटाई, गौतमबुद्वनगर में भाजपा विधायक को गन्दे नाले में ढकेलना किसानों की पीड़ा का प्रकटीकरण मात्र है। इस भाजपा की यात्रा को जगह-जगह इसी प्रकार की प्रकटीकरण से गुजरना हो सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि महिला सुरक्षा के मामलें में योगी सरकार की विफलतायें अपना कीर्तिमान बना रही है। उन्नाव, शाहजहांपुर, हाथरस, लखीमपुर, गोरखपुर, आजमगढ़, लखनऊ, बहराईच, बलरामपुर जैसे प्रदेश के लगभग सारे जनपदों में अपमान जनक घटनायें पटी पड़ी है और सरकार महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान करने में असफल, असक्षम साबित हुई है। प्रदेश की सबसे बड़ी समस्या कमरतोड़ महंगाई है। प्रदेश में महंगाई के कारण लोगों का जीना दूभर हो गया है। आम आदमी की हैसियत अपनी जरुरत की सबसे छोटी चीज खरीदने की भी नहीं बची है परिणाम स्वरुप करोड़ों लोग अपने बच्चों की फीस नहीं जमा कर पा रहे है। उसका दुस्परिणाम यह है कि प्रदेश के वित्त विहिन विधालयों में लगभग 3.5 लाख से अधिक शिक्षक वेतन नही पा रहे है। उ0प्र0 में 90 प्रतिशत से ज्यादे लोग उज्जवला गैस की रिफीलिंग नहीं करा पा रहें है जो इन सात वर्षों में दोगुने से ज्यादा हो चुका है। जो गैस कभी 400 के आस पास हुआ करती थी आज 873 रुपये हो चुकी है।

बाजारे खुली है ग्राहक नदारद है। छोटे दुकानदार मुश्किल दौर से गुजर रहें है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में कोरोना काल के दौरान जिस प्रकार हमारे पवित्र नदियांे में लाशें बहती रही, नदियांे के किनारों के घाट लाशों से पट गये, अस्पताल में मरीजों के लिए जगह नहीं थी, आक्सीजन के अभाव में तड़पकर लोगों ने जान दे दी। घोर अराजकता में लोग अपनी जान बचानें के लिए तड़प रहे थे वह प्रदेशवासियों के लिए भयावह और पीड़ादायक मंजर था।

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