अभद्रता और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर कर्मचारियों को जलील करते हैं डाक अधीक्षक

रायबरेली। रायबरेली के डाक अधीक्षक अशोक बहादुर सिंह जबसे रायबरेली तबादला होकर आए हैं, तबसे इनके मातहत कर्मचारियों से इनकी पटरी नहीं बैठ रही है। इसका कारण यह है कि यह अपने कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करते हैं और उनसे बातचीत के दौरान अभद्र भाषा और अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हैं।
 
बताया जाता है कि डाक अधीक्षक अशोक बहादुर सिंह हर शनिवार को जनपद में किसी न किसी डाकघर, डाकघर खुलने के पहले ही पहुंच जाते हैं और जब वहां के डाक कर्मचारी पहुंचते हैं तो वे उनके साथ अभद्रता से पेश आते हैं और अमर्यादित भाषा और अमर्यादित शब्दों का प्रयोग कर कर्मचारियों को जलील करते हैं। यह डाकघर खुलने और बंद होने के समय डाकघर जाते हैं और अकेले ही जाते हैं।इस तरह वे डाकघरों की अकेले चेकिंग अभियान को चलाते हैं।कायदे से उन्हें अपने साथ अपने पीए या पेशकार को लेकर जाना चाहिए, लेकिन वह ऐसा नहीं करते हैं। वे अकेले ही डाक कर्मचारियों के तबादला-पोस्टिंग का काम निबटाने का काम करते हैं।चर्चा है कि वह इस प्रकार का काम करके अपने मातहत कर्मचारियों को तबादला कर देने के लिए धमकाते हैं।
 
इस प्रकार वे डाक कर्मचारियों के ऊपर दबाव बनाने का काम करते हैं और कर्मचारियों कामनोबल तोड़ते हैं। बताया जाता है कि वह इस प्रकार का काम इसलिए करते हैं, जिससे डाक कर्मचारी उनसे डर जाएं और उन्हें धन देकर उनको खुश करें।जिन डाकघरों में उन्हें चेकिंग के समय कुछ गलत नहीं मिलता है, तो डाक अधीक्षक वहां के पोस्ट मास्टर और अन्य कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें तबादला करने की धमकी देते हैं। चर्चा यह भी कि उन्होंने अपने कुछ एजेंट भी छोड़ रखे हुए हैं, जो डाक विभाग के कर्मचारियों को उनका हौव्वा दिखाने और दबाव बना कर धन वसूली के लिए दबाव बनाने का काम करते हैं।
 
यह भी पता चला है कि डाक अधीक्षक अशोक बहादुर सिंह के खिलाफ डाक उनके कर्मचारियों ने डाक विभाग के उच्च अधिकारियों के पास इनके कारनामों की शिकायत की है और इन्हें रायबरेली जिले से हटाने की मांग की है।यहां पर यह उल्लेखनीय है कि डाक अधीक्षक रायबरेली जनपद के ही रहने वाले हैं।ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इनकी रायबरेली में पोस्टिंग कैसे की गई है। डाक विभाग के हित में पीएमजी डाक यूपी को चाहिए कि वह इन्हें तुरंत इनके पद से हटा दें अन्यथा डाक कर्मचारियों का असन्तोष कहीं डाक विभाग के लिए भारी न पड़ जाए।

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