सत्ता में आकर अपने पर लगे मुकदमें वापस लेना नहीं हो सकता था न्यायोचित- कृष्णकांत पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह न्याय स्थापना की दिशा में एक सार्थक कदम है। ज्ञात हो कि राज्य सरकार के विभिन्न अपराधिक मामलों में अपराधियों के ऊपर से 77 मुकदमें वापस लिए थे जिसे गंभीर बताते हुए माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है कि बगैर उच्च न्याय के समीक्षा किये बिना मुकदमें वापस लेना न्यायोचित नहीं था। 

पाण्डेय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जब से सत्ता में आई है 77 ऐसे मुकदमें वापस ले चुकी है जो प्रदेश की कानून व्यवस्था को खराब करने, दंगा, फसाद, डकैती और माबलिंचिंग से जुड़े थे। इससे अपराधियों का मनोबल बढ़ा और इसी का परिणाम रहा कि जहां बुलंदशहर में इस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या हुई, तो वहीं कानपुर के बिकरू में कई पुलिस अधिकारियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कानून के राज की स्थापना के लिए यह आवश्यक है कि राज्य के मुख्यमंत्री को संविधान की ली गई शपथ, जिसमें भय, पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना समाज में न्याय व समता की स्थापना के लिए काम करना होता है उसका पालन किया जाना आवश्यक है पर यह दुर्भाग्यपूर्ण रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने चुन-चुन करके उन व्यक्तियों से मुकदमें वापस लिए है जिनके कृत्यों से उत्तर प्रदेश में दंगे हुए, जानमाल का नुकसान हुआ, समाजिक सदभाव तार-तार हुआ।

सरकार ने जानबूझ कर एक पक्ष को बचाने का फैसला किया जिससे दूसरे पक्ष में भय और दहशत का महौल व्याप्त हो। यह कानून व्यवस्था की स्थापना के लिए बहुत घातक है इसी का परिणाम रहा कि इस सरकार में लगातार सामाजिक वैमन्स्य बढ़ा और बड़ी-बड़ी घटनाएं, जैसे सोनभद्र के उम्भा का नरसंहार रहा हो या रायबरेली के ऊचांहार में पांच लोगों को गाड़ी सहित जिंदा फूंक दिये जाने की घटना रही हो, हाथरस, उन्नाव, शाहजहांपुर, लखीमपुर, बलरामपुर, प्रयागराज के घुरपुर में निषादों के साथ बर्बरता, आजमगढ़ में दलित परिवार का घर ढहाये जाने की घटना रही हो या बिकरू जैसी घटनाएं यह सब सरकार के पक्षपात पूर्वक शासन करने का पीड़ादायक नतीजा ही हमारे सभ्य समाज को भुगतना पड़ा। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय का फैसला समाज में समता, न्याय और संविधान की मर्यादा स्थापित करने की दिशा में एक प्रकाश पुंज की भांति है जिसका सभी को स्वागत करना चाहिए और सरकार को प्रदेश की जनता से भय और पक्षपात पूर्वक व्यवहार के लिए माफी मांगनी चाहिए।

कांग्रेस पार्टी लगातार विधानसभा और विधानपरिषद में तथा सड़कों पर इस मुद्दे को उठाती रही है। न्याय और संविधान की गरिमा के लिए लड़ती रही है माननीय सर्वोच्च न्यायालय के इस फेसले को अपनी पार्टी और प्रदेश की जनता की नैतिक जीत के रूप में भी देखती है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता कृष्णकांत पाण्डेय ने कहा कि राज्य सरकार जनता के धन का करोड़ो रूपया खर्च कर अपने झूठे प्रचार के लिए विज्ञापन पर खर्च कर रही है पर यह नहीं बता रही है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में 353131 आपराधिक घटनाएं, 4002 हत्या की घटनाएं, 28417 वाहन चोरी की घटनाएं, 4971 मामलो के साथ प्रदेश में प्रथम स्थान पर यही नहीं 114 भाजपा विधायको पर आपराधिक मुकदमें, जघन्य अपराधों में लिप्त भाजपा के 85 विधायको पर दर्ज मुकदमें, 291 नाबालिक बच्चों की हत्या, सत्तादल से जुड़े 670 लोगों पर चल रहे आपराधिक मुकदमें हटाने में यह देश में प्रथम स्थान पर है।

उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ 164 अपराध प्रतिदिन कारित होते है जिसमें 7594 अपराध नाबालिक बच्चियों के साथ, 10345 महिलाओं का अपहरण, लाकडाउन के दौरान 11872 महिलाओं पर हिंसा के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़, पुलिस कस्टडी में महिलाओं के साथ दुराचार, महिलाओं बच्चियों पर तेजाब से हमले के मामले मे उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर, प्रतिदिन 33 दलित उत्पीड़न की घटनाओं के साथ एक साल में औसत 11829 दलित उत्पीड़न की घटनाएं, 449 दलित बच्चियों का प्रतिवर्ष अपहरण के साथ दलित उत्पीडन की घटनाओं में 25 प्रतिशत की वृ़द्ध लगातार दर्ज की जा रही है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को उपरोक्त घटनाओं में देश में प्रथम स्थान पर आने का प्रचार भी करना चाहिए लेकिन वह झूठ के प्रचार व अपने अहंकार में डूबकर प्रदेश की जनता का लगातार अहित करती जा रही है।

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