यूपी सरकार की पहल को संस्कृत संस्थान दे रहा है नई उङान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में देवावाणी संस्कृत भाषा को नया मुकाम देने के लिये यूपी सरकार प्रतिबद्ध है। इस कङी में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 19 से 25 अगस्त तक संस्कृत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश में संस्कृत संस्थान ने संस्कृत सप्ताह समारोह में पहले दिन सर्ववेदशाखास्वाध्याय पाठ का शुभारम्भ कराया। जिसमें संस्थान के इन्दिरानगर स्थित परिसर में शुक्लयजुर्वेद की माध्यन्दिनीय शाखा, काण्व शाखा और सामवेद की कौथुम शाखा, राणायनीय शाखा के देश के जाने–माने वैदिक विद्वानों ने वेदपाठ किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र द्वारा की गयी। सात दिवसीय सप्ताह समारोह में कवि सम्मेलन भी विशेष आकर्षण बनेगा। संस्थान के निदेशक, पवन कुमार द्वारा आये हुए समस्त वैदिक विद्वानों का सम्मान तथा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारि दिनेश मिश्रा सहित सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार के लिये निरन्तर प्रतिबद्ध है। उसकी ओर से संस्कृत को बढावा देने के लिये प्रदेश में संस्कृत संस्थान के माध्यम से संस्कृत विषय से सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों को निःशुल्क कोचिंग तथा छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गयी है। ऑनलाइन माध्यम से संस्कृत संभाषण, त्रैमासिक पौरोहित्य, योग तथा ज्योतिष एवं वास्तु प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सम्पूर्ण प्रदेश में किया जा रहा है।
गौरतलब है
कि प्रत्येक वर्ष श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस का मनाया जाता है। इस
दौरान पूर्णिमा के तीन दिन पूर्व और तीन दिन बाद तक पूरे सप्ताह संस्कृत के
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उत्तर
प्रदेश संस्कृत संस्थान के इन्दिरा नगर कार्यालय परिसर में
सर्ववेदशाखास्वाध्याय पाठ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश के जाने-माने
वैदिक विद्वानों ने सर्ववेदशाखास्वाध्याय पाठ में भाग लिया।
सर्ववेदशाखास्वाध्याय पाठ के अन्तर्गत विभिन्न शाखाओं के विद्वान इस पाठ
में भाग ले रहे हैं। जिसमें शुक्लयजुर्वेद माध्यन्दिनीय शाखा के डॉ. हनुमान
मिश्र, सहाचार्य वेद, लाल बहादुर शास्त्री, केन्द्रीय विश्वविद्यालय,
नई दिल्ली, पशुपतिनाथ मिश्र, वाराणसी, श्याम शंकर द्विवेदी, लखनऊ, आचार्य
गोविन्द प्रसाद शर्मा, लखनऊ, शुक्लयजुर्वेद काण्व शाखा के चेतन शर्मा,
वाराणसी, मोहन दूबे, वाराणसी, सामवेद कौथुम शाखा के सन्तोष कुमार महापात्र,
होडल, हरियाणा, आशीष मिश्र, वाराणसी, सामवेद राणायनीय शाखा के डॉ. विजय
शर्मा, वाराणसी तथा अविनाश पाण्डेय, वाराणसी ने वेदपाठ किया।