कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-09 को मुख्यमंत्री ने जारी किये दिशा-निर्देश

लखनऊ। विगत 24 घंटे में हुई कोविड टेस्टिंग में प्रदेश के 64 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। 11 जनपदों में इकाई अंक में मरीजों की पुष्टि हुई। आज 24 जनपदों में एक्टिव केस शून्य हैं। जनपद अलीगढ़, अमेठी, अयोध्या, बागपत, बलिया, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हरदोई, हाथरस, ललितपुर, महोबा, मऊ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, शामली और सीतापुर में आज कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
 
औसतन हर दिन ढाई लाख टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। वर्तमान में प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 239 है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है। ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक 07 करोड़ 29 लाख 86 हजार 724 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में 02 लाख 37 हजार 439 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 18 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 21 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। अब तक 16 लाख 86 हजार 308 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।

प्रदेशवासियों को कोविड टीका-कवर उपलब्ध कराने का काम तेजी से चल रहा है। विगत दिवस 16 लाख 26 हजार 897 लोगों ने टीकाकवर प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 07 करोड़ 58 लाख के पार हो चुका है। अब तक 06 करोड़ 36 लाख 88 हजार से अधिक नागरिकों ने टीके की कम से कम एक खुराक प्राप्त कर ली है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। टीके की सुचारु आपूर्ति के लिए भारत सरकार से सतत संवाद बनाया जाए। बरसात के मौसम में जलजमाव और मौसम के प्रकोप से बढ़ रहीं बीमारियों की रोकथाम के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। प्रत्येक जनपद के एक-एक मरीज की सेहत पर नजर रखी जाए, नियमित अंतराल पर परिजनों को बीमार के सेहत की अपडेट दी जाए। कोविड के लिए आरक्षित ऑक्सीजन को सुविधा वाले आइसोलेशन बेड्स को डेंगू सहित अन्य वायरल बीमारियों के इलाज के लिए उपलब्ध रखें।
 
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आज से ही आगरा और फिरोजाबाद जनपद में कैंप करें। एक-एक मरीज के उपचार की व्यवस्था की पड़ताल करें, व्यवस्था सुधार के लिए अविलंब सभी जरूरी कदम उठाएं। पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों के राहत और पुनर्वास का काम तेज किया जाए। मैरुंड गांवों में बड़ी नावों का उपयोग करें। ताजा स्थिति के मुताबिक रोहिन नदी को छोड़ शेष सभी नदियों में जलस्तर स्थिर है। प्रभावित लोगों की जरूरतों/समस्याओं को संवेदनशीलता के साथ तत्काल निस्तारित करें। प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत की जाए। आगामी 25 सितम्बर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती प्रदेश में "गरीब कल्याण मेला" आयोजित किया जाएगा। सभी 826 विकास खंडों पर वृहद आयोजन किया जाएगा।
 
मेले में दिव्यांग जनों को कृत्रिम अंग वितरण, विभिन्न पेंशन, आवास और स्वरोजगार योजनाओं से वंचित पात्र लोगों को योजना से जोड़े जाने के साथ-साथ आरोग्य मेले का भी आयोजन होगा। बैंकों से समन्वय स्थापित कर विशेष ऋण शिविर लगाये जाएं। इस सम्बंध में सभी संबंधित विभाग तैयारी पूरी कर लें। सभी कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता होगी। प्रदेश के विभिन्न जिलों में सीमेंट, मोरंग, गिट्टी, बालू आदि भवन निर्माण सामग्रियों के मूल्य में अनापेक्षित बढ़ोतरी की जानकारी मिली है। खनन विभाग द्वारा तत्काल निरीक्षण कर मूल्य बढ़ोतरी पर नियंत्रण बनाया जाए। अनावश्यक भंडारण करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई भी करें। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूरे प्रदेश में 05 सितंबर से स्वच्छता-सैनीटाइजेशन का वृहद अभियान शुरू किया जाए। जिलों के लिए नामित नोडल अधिकारी तत्काल जिम्मेदारी संभाल लें। यह अधिकारी बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की भी मॉनीटरिंग करें। 
 
07 सितंबर से आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी सहित सभी संबंधित कर्मियों के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेशव्यापी सर्विलांस किया जाए। स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर बुखार से पीड़ित/कोविड के लक्षण वाले लोगों की पहचान करें। 45 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों ने अब तक कोविड वैक्सीन की एक भी डोज न ली हो, उनकी सूची बनाई जाए। उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सतत नियोजित कदम उठाए जा रहे हैं। इस क्रम में विद्यालयों में आवश्यकतानुसार शिक्षकों के नवीन पद सृजन औऱ रिक्त पदों पर नियुक्ति भी की जानी चाहिए। विषय की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की जा रही है। सचिव बेसिक शिक्षा और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इसमें सदस्य की भूमिका में होंगे। यह समिति रिक्त पदों का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

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