सहकारी विकास परियोजनाओं के लिये दिये गये 7055 करोड रु0- बीएल वर्मा

इंडियन फारमर्स फर्टीलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड की ओर से सहकारिता भवन के चौधरी चरण सिंह सभागार में सहकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुये केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि भारत में लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियां है, उसमे लगभग 1.77 लाख सभी प्रकार की सहकारी साख समितियां है।इसमें से  लगभग 97000  प्राथमिक कृषि साख समितियां है। उत्तर प्रदेश में 33230 सहकारिताएं है और सबसे अधिक डेरी समितियां है जो की लगभग 15000 और प्राथमिक कृषि साख समितियां 7612 है।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार युवा सहकार, आयुष्मान सहकार ,प्रधानमंत्री मत्सय सम्पदा योजना (PMMSY),  सहकार मित्र, सहकार प्रज्ञा जैसी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भी सहायता प्रदान कर रही  है।सहकारिता की दृष्टि से अल्प विकसित राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश को ऋण के साथ 20 प्रतिशत अनुदान का लाभ भी प्राप्त है। केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बीएल वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में, भारत सरकार के एन.सी.डी.सी (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम) ने सहकारी समितियों को सहकारी विकास परियोजनाओं की व्यापक गतिविधियों हेतु 7055 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि प्रदान की है। एन.सी.डी.सी (राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम) की सहायता से उत्तर प्रदेश में प्रमुख लाभान्वित क्षेत्र 835 करोड़ से अधिक धनराशि बैंकों एवं चीनी मिलों की निधि की अल्पकालिक आवश्यकता की पूर्ति  हेतु उन्होंने कहा कि एकीकृत सहकारी विकास परियोजना (आईसीडीपी) 382 करोड़ से अधिक धनराशि 51 आईसीडीपी को वित्तीय सहायता हेतु आवंटिक किये गये।

162 करोड़ से अधिक धनराशि 21.14 मीट्रिक टन क्षमता के 10162 भंडारण गोदाम हेतु आवंटित किये गये है।उन्होंने कहा कि 112  करोड़ से अधिक धनराशि बैंकों में सीबीएस के संवर्धन एवं सॉफ्टवेयर के उन्नयन हेतु  और 100  करोड़ से अधिक चीनी मिलों एवं इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के लिए आवंटित किये गये है।उन्होंने कहा कि 65  करोड़ से अधिक धनराशि वस्त्र क्षेत्र, उपभोक्ता, डेयरी, प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, जनजाति, हथकरघा विकास के लिए आवंटित किये गये है। एनसीयूआई (भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ) ,एनसीसीटी (राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद) और सीआईसीटीएबी (कृषि बैंकिंग में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और प्रशिक्षण केंद्र) ने पिछले पाँच वर्षों में उत्तर प्रदेश में 123431 प्रतिभागियों को 9417 कार्यक्रमों  के माध्यम से  प्रशिक्षण दिया है. केंद्रीय सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने भारत सरकार की सहकारिता क्षेत्र के लिये विभिन्न यजनाओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि कृषि सहकारिता पर समेकित योजनापिछले पांच वर्षों के दौरान कृषि सहकारिता पर समेकित योजना के तहत  1068 करोड़ रूपए से आधिक की धनराशि  जारी की गई।

कृषि अवसंरचना कोष के तहत 1 लाख करोड़ रुपये  के कृषि अवसंरचना कोष से प्राथमिक कृषि सहकारी समितियाँ (पीएसीएस) सबसे ज्यादा लाभान्वित हुई है।अब तक इस स्कीम के तहत पैक्स की 4963 परियोजनाओं के लिए  2934 करोड़ की मंजूरी दी जा चुकी है  ताकि किसानों को उनकी उपज की बेहतर कीमत मिल सके। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत सभी ऋणों पर 2 करोड़ रूपए की सीमा तक 3% प्रति वर्ष की ब्याज छूट होगी। बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम, 2002 की दूसरी अनुसूची में दी गई राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संघों के लिए अनुमोदित गतिविधियों के लिए खर्च के 90% तक सीमित अनुदान प्रदान  किया जायेगा।

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