डाक विभाग द्वारा पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय में हुआ हिंदी पखवाड़े का समापन

वाराणसी। हिंदी एक ऐसी भाषा है, जिसके माध्यम से समाज का हर वर्ग आसानी से अपनी भावनाओं व विचारों को एक दूसरे तक पहुँचा सकता है। हिंदी के विकास में डाक विभाग की अहम भूमिका है। जिस प्रकार से डाक विभाग देश भर के लोगों को जोड़ने का कार्य करता है, उसी प्रकार हिंदी भी संवाद के वाहक के रूप में 135 करोड़ लोगों को जोड़ने का कार्य करती है।
 
इस प्रकार डाक विभाग हिंदी का जुड़वाँ भाई है। डाक विभाग और हिंदी भाषा दोनों की भूमि भावनात्मक है। पत्र-लेखन के माध्यम से डाक विभाग ने हिंदी साहित्य को नए आयाम दिए। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि के रूप में बनारस हिन्दू विश्विद्यालय में हिंदी के प्रोफ़ेसर एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सदानंद शाही ने पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय, वाराणसी में 28 सितंबर को आयोजित 'हिंदी पखवाड़ा' के समापन समारोह में व्यक्त किये। समारोह की अध्यक्षता करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, हिन्दी सिर्फ साहित्य ही नहीं बल्कि विज्ञान से लेकर संचार-क्रांति, सूचना- प्रौद्योगिकी और नवाचार की भाषा भी है। हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है, ऐसे में इसके विकास के लिए जरुरी है कि हम हिंदी भाषा को व्यवहारिक क्रियाकलापों के साथ-साथ राजकीय कार्य में भी प्राथमिकता दें। सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। हिन्दी अपनी सरलता, सुबोधता, वैज्ञानिकता के कारण ही आज विश्व में दूसरी सबसे बड़ी बोली जाने वाली भाषा है।
 
सहायक निदेशक (राजभाषा) राम मिलन ने बताया कि डाक विभाग की ओर से 14 से 28 सितंबर तक आयोजित हिंदी पखवाडे़ में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी कर्मचारियों, अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और हिन्दी पखवाड़े को सफल बनाने में अपना योगदान दिया। हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को भी इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव और प्रो. सदानंद शाही ने सम्मानित किय। हिंदी निबंध प्रतियोगिता में कु.अभिलाषा राजन, प्रकाश गुप्ता, शम्भू कुमार, हिंदी टंकण प्रतियोगिता में  कुमारी अजिता, ललित कुमार, विजय कुमार, हिन्दी टिप्पण एवं आलेखन प्रतियोगिता में शम्भू कुमार, मनीष कुमार, राहुल कुमार, हिंदी पत्र लेखन प्रतियोगिता में प्रकाश गुप्ता,  शम्भू प्रसाद गुप्ता, श्रवण कुमार सिंह, काव्य पाठ प्रतियोगिता में  शम्भू प्रसाद गुप्ता, कुमारी अजिता, मो. नौशाद एवं हिंदी श्रुतलेखन प्रतियोगिता में प्रशांत पाण्डेय, नागेन्द्र कुमार को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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