प्राचीन पद्धति से अयोध्या के मंदिरों का शुरू हुआ जीर्णोद्धार

अयोध्या। राम नगरी के सरयू तट पर स्थित राम की पैड़ी में सरयू की अविरल धारा प्रवाह की कल्पना को प्रदेश सरकार ने पूरा कर दिया है। तो वहीं अब राम की पैड़ी के प्राचीनतम इतिहास को सजों रही ऐतिहासिक मन्दिरों और उनके प्राचीन भव्यता को पुनः वापस दिए जाने का कार्य की योजना को शुरू कर दिया गया है। जिसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा 112 करोड़ की स्वीकृति दी है। दरअसल राम नगरी में इस वर्ष दीपोत्सव के आयोजन को भव्यता से मनाए जाने की योजना है।

इसको लेकर राम की पैड़ी को सजाई जाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है लेकिन इसके पूर्व राम की पैड़ी पर स्थित प्राचीन मंदिर जीर्ण क्षीर्ण होने के कारण भव्यता समाप्त हो रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अब उन मंदिरों के जीर्णोद्धार की जाने की योजना तैयार की है राम की पैड़ी की भव्यता बढ़ाने वाले मंदिरों को भी प्राचीन पद्धति से तैयार किए गए आकार को पुनः उसी रूप में व्यवस्थित किये जाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।राम की पैड़ी की भव्यता को लेकर तैयार की गई योजना की जानकारी देते हुए अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राम की पैड़ी को भव्य रूप वापस प्रस्तुत किए जाने का निर्देश किया गया था और राम की पैड़ी पर मंदिरों के प्राचीन पद्धतियों से बने फसाद उनकी प्राचीनता को लेकर मंदिरों मैं बदलाव किए गए हैं उसको पुणे उसके वापस प्राचीन स्वरूप में बदलाव किया जाए।

नेशनल मिशन क्लीन गंगा के महानिदेशक के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया गया था जिसके बाद या प्रेजेंटेशन स्वीकृति मिली है इसलिए सबसे पहला कार्य राम की पैड़ी में जो फंसा धन मंदिरों के उसे ठीक करने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने एक करोड़ 1करोड़ 12 लाख रुपए की स्वीकृति दी है जिसके तहत गया कार्य किया जा रहा है। वही जानकारी दी है कि राम की पैड़ी पर स्थित मंदिर है सैकड़ों वर्ष पुराने हैं पर बनाए गए फसाद भी पुरानी पद्धति पर हैं इसलिए अभिनय उन्हीं पद्धति पर पुनः तैयार किया जा रहा जिसके लिए चुना गुड और गूगल का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे उनके भव्यता को वापस दिया जा सके। तो वही जानकारी दी है कि होने वाले दीपोत्सव के पहले इस कार्य को पूरा कर लिया जाए इसके तहत कार्य किया जा रहा है।

Popular posts from this blog

स्वस्थ जीवन मंत्र : चैते गुड़ बैसाखे तेल, जेठ में पंथ आषाढ़ में बेल

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता।  नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

!!कर्षति आकर्षति इति कृष्णः!! कृष्ण को समझना है तो जरूर पढ़ें