यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को दिया नया आयाम- डा दिनेश शर्मा
वाराणसी। उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश की शिक्षा
व्यवस्था को नया आयाम प्रदान किया है। प्रदेश की नई शिक्षण व्यवस्था अन्य
राज्यों को अब राह दिखाने का काम कर रही है। पिछली सरकार से विरासत में
मिले खस्ताहाल शिक्षा तंत्र में लाए गए बदलाव अब विद्यार्थियों के लिए
तरक्की के नए द्वार खोल रहा है। यह बदलाव पिछले साढे चार साल में सही मंशा
से किए गए कार्यों का परिणाम हैं।
वर्तमान सरकार ने सत्ता में आने के बाद
शिक्षा क्षेत्र में बदलाव के लिए चार मंत्र तय किए थे जिनमे तनावमुक्त
विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा, नकलविहीन परीक्षा और सुखी मन शिक्षक शामिल
है। वर्तमान सरकार ने शिक्षकों के कल्याण के लिए तमाम कार्य किए हैं।
सरकार का मानना है कि शिक्षक जब सुखी होगा तो वह बेहतर तरह से शिक्षण कार्य
कर सकेगा। इसलिए सरकार ने शिक्षा क्षेत्र परिवर्तनों में अहम भूमिका
निभाने वाले शिक्षकों की हर परेशानी को दूर करने के उपाय किए है। पूर्व की
सरकारों में सेवानिवृत्ति के बाद अपने अवशेषों के लिए शिक्षकों को
कार्यालयों के चक्कर लगाने पडते थे पर वर्तमान सरकार ने इस परेशानी से
मुक्ति दिलाई है। अब शिक्षक को सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के
अवशेष प्राप्त हो जाते हैं। ऐसा करके सरकार ने गुरु की गरिमा को फिर से
स्थापित किया है।
उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश
शर्मा ने यह बातें आज अपने वाराणसी दौरे पर प्रेस वार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा की कहा कि पिछली सरकारों में तबादलों के नाम पर शिक्षकों को
शोषण हुआ करता था। वर्तमान सरकार ने तबादलों की ऐसी पारदर्शी आनलाइन
प्रक्रिया बनाई है कि अब तबादले के लिए भी शिक्षक को इधर उधर जाने की जरूरत
नहीं है। घर बैठे तबादले के लिए आवेदन किया जा सकता है। डिप्टी सीएम ने
कहा कि अब शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की ठोस व्यवस्था की गई है।
परीक्षा से सम्बन्धित भुगतान भी अब तत्काल किए जाते हैं। वर्तमान सरकार ने
साढे चार साल में तमाम शिक्षकों की भर्तिया भी की हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने सूबे की कमान संभालने के
बाद प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा प्रदान की है। पिछली सरकारों
में नकल के लिए बदनाम रहा यूपी अब नकलविहीन परीक्षा का माडल बन गया है।
केवल तकनीक के प्रयोग से परीक्षा का स्वरूप ही बदल दिया गया है। प्रदेश के
विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों
से प्रतिस्पर्धा के काबिल बनाने के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया
गया है। पूरे देश में सबसे कम कीमत पर एनसीईआरटी की पुस्तकें केवल यूपी में
उपलब्ध हैं। अभी हाल ही में डिजिटल लाइबे्ररी भी बनाई गई है जिसमें 90
हजार से अधिक सामग्री उपलब्ध है। देश के बडे बडे संस्थान इससे जुडने के
लिए लालायित हो रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा
कि कोविड काल में जब दुनिया ठहर गई थी तब यूपी पहला ऐसा राज्य था जिसने
आनलाइन शिक्षण व्यवस्था की राह अन्य राज्यों को दिखाई। नई शिक्षा नीति के
क्रियान्वयन में प्रदेश तेजी से आगे बढ रहा है। टास्क फोर्स बनाकर चरणबद्ध
तरह से कार्यवाही हो रही है। शोध को प्रोत्साहन के लिए विश्वविद्यालयों
में शोध पीठ बनाई गई है। न्यूनतम साझा पाठ्यक्रम पर भी काम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश को ज्ञान के केन्द्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम
हो रहा है।
प्रदेश में ही छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध हो सके इस
दिशा में भी कार्यवाही की जा रही है।
नए राजकीय विश्वविद्यालय खोले जा रहे
हैं जिससे उच्च शिक्षा का प्रसार हो। हर विश्वविद्यालय व महाविद्यालय में
कौशल विकास व औद्योगिक प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं। सरकार की मंशा शिक्षा को
गुणवत्तापरक व रोजगारपरक बनाने की है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज का उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भर भारत की
परिकल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ रहा है। वर्तमान
सरकार ने शिक्षा के साथ ही विद्यार्थियों के लिए कौशल विकास के कोर्स भी
आरंभ किए हैं। सरकार का मानना है कि ऐसे युवा तैयार किए जाए जो स्वरोजगार
के साथ ही नौकरी देन का काम भी करें। वे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका
को अदा कर सकें। पिछले साढे चार साल में प्रदेश में आए बदलावों को
क्रान्तिकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि यूपी आज देश की दूसरी अर्थव्यवस्था
बनकर उभरा है। 04 वर्ष में ही 11 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था 22 लाख
करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन गयी है।
सूबे में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी
हो गई है। हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का डंका बज रहा है। देश में 44
योजनाओं में यूपी पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश ने प्रत्येक क्षेत्र में
विकास किया है। चाहे औद्योगिक निवेश हो या योजनाओं का सफल क्रियान्वयन,
कानून-व्यवस्था का सुदृढ़ीकरण हो या गरीब किसान की ऋण माफी, हर घर में
शौचालय बनाना तथा घर विहीन को घर देने का कार्य उत्तर प्रदेश में किया गया
है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनियादी
सुविधाओं के विकास से सूबे के विकास को नई रफ्तार मिली है। आज यूपी में
निवेश के मामले में निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। कोरोना काल में जब
दुनिया के बडे देशों से निवेश वापस जा रहा था उस समय में भी यूपी में जिस
प्रकार से निवेश आया है वह इस बात की पुष्टि करता है। कोरोना जैसे समय में
भी प्रदेश में 56 हजार करोड के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। देश का सबसे बडा
गंगा एक्सप्रेस वे सूबे में बनने जा रहा है। इसके बनने के बाद करीब 20 हजार
लोगों के लिए रोजगार सृजन की संभावना है। युवाओं को रोजगार सरकार की
प्राथमिकता है। सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार से जोडक़र
प्रदेश को उन्नति प्रदान करना है।
विगत सवा चार वर्षों के दौरान साढ़े चार
लाख सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए जा चुके
हैं। डा दिनेश शर्मा ने कहा कि कोरोना काल में
सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए शानदार उपाय किए तथा इन उपायों
की डब्लूएचओं ने भी प्रशंसा की थी। आज भी सरकार प्रदेश के लोगों को कोविड
से सुरक्षित रखने के लिए जहां तेजी से टीकाकरण अभियान चला रही है वहीं
दूसरी ओर कोविड के आज के आज भी करीब दो लाख टेस्ट प्रतिदिन किए जा रहे हैं।
कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए सुरक्षा बहुत जरूरी है। अभी तक कुल
7 करोड 41 लाख 60 हजार 528 वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी हैं। सरकार के
कोविड से सुरक्षा के प्रयासों का परिणाम है कि आज प्रदेश कें 27 जिलों में
कोविड को एक भी केस नहीं है। सरकार कोविड की संभावित तीसरी लहर के लिए भी
पुख्ता तैयारी कर रही है।