ॐ नमो भगवते श्रीवासुदेवाय नमः
*श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।*
*नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय।।*
*जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज।*
*जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज।।*
*।। श्री शुक्र स्तुति।।*
*शुक्र देव पद तल जल जाता, दास निरन्तन ध्यान लगाता।*
*हे उशना भार्गव भृगु नन्दन, दैत्य पुरोहित दुष्ट निकन्दन।*
*भृगुकुल भूषण दूषण हारी, हरहुं नेष्ट ग्रह करहुं सुखारी।*
*तुहि द्विजबर जोशी सिरताजा, नर शरीर के तुमही राजा।*
*।।वंदन।।*
*आजका
दिवस शुक्रवार आपको सपरिवार मङ्गलमय हो। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री
राम जी की कृपा दृष्टि बनी रहे।परिवार में ऐष्वर्य की प्राप्ति के साथ
सुखानुभूति हो। परस्पर सम्बन्धों में प्रेममयसद्व्यवहार पूर्ण प्रगाढ़ता
हो! पारस्परिक सहयोगात्मक भावना बलवती हो।परम् पुनीत मङ्गल कामनाओं के साथ
आपका सपरिवार शुभाकांक्षी*
*शुभ-प्रणाम!!*
*जय लक्ष्मी मैय्या*
*ॐनमो भगवते श्रीवासुदेवाय नमः*