केजरीवाल के स्कूलों में हैपीनेश करिकुलम के साथ देशभक्ति पाठ्यक्रम भी किया शुरू- मनीष सिसोदिया
प्रयागराज। देश की शैक्षणिक राजधानी के रूप में विख्यात
संगमनगरी में दिल्ली के शिक्षा मंत्री एवं डिप्टी सीएम मनीष
सिसोदिया ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में आम आदमी
पार्टी की सूबे में सरकार बनी तो पहले बजट का 25 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा
पर खर्च होगा। मौजूदा सरकार पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार
करने का आरोप लगाते हुए कहा कि योगी सरकार शिक्षा बजट 17 प्रतिशत घटाकर 13
प्रतिशत करने का काम किया, इसलिए सरकारी स्कूलों के हालात बद से बदतर हो
गए हैं।
'यूपी की शिक्षा की बात मनीष सिसोदिया के साथ' कार्यक्रम में
गुरुवार को विद्यार्थियों एवं प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के साथ संवाद के
दौरान उन्होंने प्रदेश की जनता का आह्वान किया कि इस बार वो अपने
बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए वोट करें। यह केजरीवाल की गारंटी है कि
हम उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों से बेहतर कर
देंगे। मनीष सिसोदिया ने शिक्षा के मुद्दे पर योगी
सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के पांच साल पूरे
होने वाले हैं, लेकिन आज भी यूपी के 40 प्रतिशत स्कूलों में बिजली
नहीं है। बेसिक, माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों का अभाव
है। 2017 तक यूपी में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या
60 प्रतिशत और प्राइवेट स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की संंख्या 40
प्रतिशत थी, लेकिन योगी सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में इस आंकड़े को
उल्टा कर दिया। आज सरकारी स्कूलों में 40 और प्राइवेट स्कूलों में 60
प्रतिशत बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।
निजी स्कूलों की फीस लगातार बढ़ाई
जा रही है, लेकिन सरकारी स्कूलों की बदहाली के कारण गरीब भी सरकारी
स्कूलों से अपने बच्चों का नाम कटाकर निजी स्कूलों में उन्हें पढ़ाने
को मजबूर है। सिसोदिया ने लखनऊ के उस दौरे का जिक्र किया जब उन्हें
पुलिस लगाकर सरकारी स्कूल देखने से रोक दिया गया था। बोले-योगी सरकार
शिक्षा की बात पर बगलें झांकने लगती है। उन्होंने हमें एक स्कूल देखने
से तो रोक लिया, लेकिन सेल्फी विद स्कूल अभियान के तहत हमारे पास
प्रदेश भर के बदहाल स्कूलों की तस्वीरें आईं। उत्तर प्रदेश में सरकारी
स्कूल, कॉलेज खण्डर पड़े हए है, पशु बांधे जा रहे हैं। मिड डे मील में नमक
रोटी खिलाई जा रही हैंं तो कहीं छात्रााओं से रोटियां बनवाई जा रही हैंं।
बहुत से विद्यालयों में ट्वायलेट नहीं हैं। डेस्क के अभाव में बच्चे
जमीन पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी राज्यसभा
सांसद संजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंंह सहित प्रबुद्ध वर्ग के
बहुत से लोग मौजूद रहे। मनीष
सिसोदिया ने प्रदेश के शिक्षकों का दर्द उठाया।
योगी राज में सवा लाख
शिक्षा मित्रों के दर-दर ठोकर खाने सहित शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलनरत
अभ्यर्थियों की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि यूपी में हमारी सरकार बनी तो
शिक्षकों के सभी रिक्त पदों पर अविलंब भर्ती कराएंगे। उन्होंने
सुहागिन शिक्षा मित्र बहनों के सिर मुंडाकर प्रदर्शन करने का मामला
उठाते हुए योगी सरकार को शिक्षक विरोधी बताया। दो टूक कहा कि शिक्षा से
ही यूपी का भविष्य बदलेगा। इसलिए इस बार प्रदेश के लोग सूबे के विकास
के लिए अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा के नाम पर वोट करें। मनीष
सिसोदिया ने योगी सरकार पर शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप
लगाया। कहा कि कोरोना काल में जब स्कूल-कालेज बंद थे तब प्रदेश में
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में बड़ा घोटाला किया गया। इन स्कूलों
में बच्चियों के स्टेशनरी और खाने के नाम पर नौ करोड़ रुपये निकाल लिए
गए। हमारी सरकार बनी तो इस तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाएगी। किसी
अफसर या नेता की हिम्मत नहीं होगी कि वो बच्चों-बच्चियों की पढ़ाई के
पैसे का गबन कर सके।
ऐसे भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी। मनीष
सिसोदिया ने कहा अब तक यहां जो राजनीतिक दल थे, वो जाति-धर्म,
मंदिर-मस्जिद जैसे मुद्दोंं पर बात करते थे। शिक्षा पर कोई बात नहीं
होती थी। पहली बार प्रदेश की जनता को आप के रूप में एक राजनीतिक विकल्प
मिला है जो शिक्षा पर बात करती है। हम बात ही नहीं करते, बल्कि हमने
दिल्ली में करके भी दिखाया है। आज वहां के सरकारी स्कूल प्राइवेट
स्कूलों को मात दे रहे हैं। सरकारी स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर
नतीजे तक में प्राइवेट स्कूलों पर बीस साबित हो रहे हैं। कुछ साल पहले तक
जहां सरकारी स्कूलों का रिजल्ट 80 प्रतिशत के आसपास था, वह अब 99.6 पर
जा पहुंचा है। इसके लिए हमने वहां के शिक्षकों को आईआईएम जैसे संस्थानों
सहित कैंब्रिज और आक्सफोर्ड में प्रशिक्षण दिलाया। हमारी सरकार बनी तो
यूपी के शिक्षकों को भी इस तरह का प्रशिक्षण दिलाएंगे। मनीष
सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली के स्कूलों में पांच मिनट की
मेडिटेशन क्लास चलाकर बच्चों को संस्कारवान बनाने का काम कर रहे हैं।
खुद अभिभावक मानते हैं कि उनके बच्चों में सरकार के इस प्रयास से
सकारात्मक बदलाव आए हैं। एक सरकारी स्कूल के पांच बच्चों का आईआईटी में
सेलेक्शन हुआ। इसमें एक कपड़े धुलने वाले का बेटा भी है। वहां 80 में से
20, 80 में से 30 बच्चियां नीट में सफलता हासिल करके मेडिकल की पढ़ाई कर
रही हैं। हम वहां मेधावियों को पढ़ाई के लिए बिना ब्याज के दस लाख का
लोन दे रहे हैं। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह बच्चों को
संस्कारवान बनाने के साथ देशभक्त बनाए। इसी के तहत केजरीवाल की अगुवाई
में हमने दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम के साथ हैपीनेश
करिकुलम शुरू किया। यूपी में हमारी सरकार बनी तो यहां भी इसी तरह का काम
करेंगे।