सहकारी बैंकों के विलय से सुधरेगी अर्थव्यवस्था, मिलेगा किसानों को लाभ

अयोध्या। उत्तर प्रदेश में जिला प्रदेश सहकारी बैंकों में विलय किये जाने तथा राज्य संवर्ग प्राधिकारी सहकारी बैंक केन्द्रीयत सेवा कैडर समाप्त किये जाने की मांग कॉपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन लगातार प्रयास कर रहा है। उत्तर प्रदेश कॉपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन की जिला इकाई द्वारा 51 वां स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें मुख्य अतिथि महंत गौरी शंकर दास राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद एवं राष्ट्रीय महासचिव निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी और समारोह की अध्यक्षता धर्मेंद्र प्रताप सिंह टिल्लू सभापति जिला सहकारी बैंक ने किया।
 
कॉपरेटिव बैंक एम्प्लाइज यूनियन के प्रदेश महामंत्री सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि 51 वां स्थापना दिवस पूरे प्रदेश में मनाया जा रहा है संगठन के सभी सदस्यों को सर्वप्रथम धन्यवाद दिया संगठन की मांग है। सभी जिला सहकारी बैंक को आपस में विलय कर एक वृहद सहकारी बैंक बनाया जाए। उन्होंने बताया यह रिपोर्ट शासन में 2 वर्षों से लंबित है उसमें कोई भी कार्यवाही नहीं हो रही है। जिस पर सरकार से जल्द कार्यवाही की मांग किया है।सभापति धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सरकारी बैंक की ऐसी संस्था है जो प्रदेश के अधिकांश किसानों को फसल के समय खाद,बीच के लिए फसल उगने में जो अन्य आवश्यकता होती है और केवल 3% वार्षिक की दर पर ब्याज पर यहां पर मिलता है जिस प्रकार से सहकारी बैंक की स्थापना हुई थी जो सहकारिता के क्षेत्र में लोगों ने अपेक्षा की थी।पिछले दिनों कहीं न कहीं में गिरावट आएगी।दरअसल वर्तमान में जिला सहकारी बैंक अपने अस्तित्व को लेकर संघर्ष कर रहे हैं।
 
बैंकों की आर्थिक हालत डावाडोल है और सरकार का प्रोत्साहन नहीं हासिल हो पा रहा है। संगठन पिछले 3 वर्षों से 50 जिला सहकारी बैंकों को उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक में विलय कराए जाने के लिए प्रयासरत है। यूनियन पहले भी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत सभी को पत्र लिख चुकी है और स्थापना दिवस पर फिर अपनी वही मांग दुहराती है कि जिला सहकारी बैंकों का अस्तित्व बचाया जाय। इसके लिए पदाधिकारियों की अपील है कि शासन जिला सहकारी बैंकों का उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक में विलय कराए। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंकों को बचाने से किसानों को सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा और जिला सहकारी बैंक के कर्मचारियों का भी हित होगा। जिला सहकारी बैंकों के उत्तर प्रदेश सहकारी बैंक में विलय से बैंकिग के लिए एक मजबूत वित्तीय आधार खड़ा होगा और रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की द्वितीय अनुसूची में शामिल होने से इन बैंको को रिजर्व बैंक से भी कर्ज मिल सकेगा।

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