हम सबको अच्छे और बुरे समय से गुज़रना ही पड़ता है

महाराज जी उपदेश दे रहे हैं कि-

हर काम का समय भगवान बाँधे हैं, समय पर ही सब काम ठीक हो जावेगा, बड़े -बड़े दु:ख भक्त झेल डालते हैं। हम सबको अच्छे और बुरे समय से गुज़रना ही पड़ता है। अच्छे समय का तो जैसे पता ही नहीं चलता और बुरे समय का एक- एक पल कभी-कभी बहुत भारी और लम्बा मालूम पड़ सकता है। अब बुरे समय की अवधि क्या होगी और ऐसा समय कितनी बार आएगा, ये तो परमात्मा के निर्णय पर ही निर्भर करता है - लेकिन ये समय, जो हमारे प्रारब्ध अनुसार ही है, जब तक है -तब तक तो है ही लेकिन ये बुरा समय भी गुज़र जायेगा - ये निश्चित है। बस तब तक इस संघर्षपूर्ण स्थिति से निकलने के लिए हमें अपने विवेक अनुसार कर्म करते रहना है और महाराज के ऊपर विश्वास बनाये रखना है उनके लिए हमारी भक्ति ही हमारी शक्ति बनती है।
 
ऐसे समय में महाराज जी के ये उपदेश कि हर काम का समय भगवान बाँधे हैं और समय पर ही सब काम ठीक हो जावेगा -एक असाधारण ऊर्जा से हमें भर देने का सामर्थ रखते हैं। जैसे हमारे भाव हैं उनके लिए वैसे ही महाराज जी के इस उपदेश की अनुभूति हमें होगी। कष्ट के समय जब हममें नकारात्मक विचार आने लगें (स्वाभाविक भी है), तब ये भी सोचें की इन विचारों का, ऐसी चिंता से हमें क्या प्राप्त होने वाला है ? संभवतः हमारा विवेक हमें उत्तर देगा की कुछ नहीं। बस तभी अपने आप को समझाने का प्रयत्न करें जिस विचार से हमारा कोई कल्याण होना ही नहीं है तो क्या ऐसे विचार को नकारने में ही बुद्धिमानी नहीं है ?? ऐसे ही संघर्ष के समय में यदि हमारा मन जब पुनः विचलित होता है तो हमें इस बात को अपने आप को बार-बार याद दिलाते रहना है की महाराज जी हमें थामे हुए हैं
 
हम उनके हुकुमसे हैं -इसलिए वे अंततः हमारा अनर्थ नहीं होने देंगे महाराज जी जैसा बता रहे है कि उनके कुछ भक्तों ने बहुत बड़े -बड़े दुःख सहे हैं - लेकिन उन्होंने अपना धैर्य का बांध टूटने नहीं दिया। जैसे ऊपर कहा गया है कि अंततः सब काम ठीक हो जायेगा -उसके सही समय पर जो ईश्वर ने निर्धारित किया है। और ये सही समय वास्तव में हमारे हित में भी होता है - इसका आभास हमें बाद में प्रायः हो भी जाता है और तब तक हमें धैर्य रखना होगा। महाराज जी में हमारी आस्था, हमारे भाव, हमारा विश्वास हमें ये धैर्य प्रदान करता है।
 
महाराज जी सबका भला करें।

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