जनता की कमाई से ‘मेगा डिस्काउंट सेल’ लगाई मोदी सरकार ने- अजय माकन

लखनऊ कांग्रेस के महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने केंद्र सरकार की ‘नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन’ को लेकर मोदी सरकार पर हमला किया है, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता की कमाई से पिछले 60 साल में बनाए गए सार्वजनिक उपक्रमों को किराए के भाव पर बेचने पर आमादा है, उन्होंने कहा कि सबसे चौंकाने वाली और संदेह में डालने वाली बात यह है कि यह सभी कुछ ‘गुपचुप तरीके से’ तय किया गया, इसके बाद इस निर्णय की घोषणा भी ‘अचानक से’ की गई, जिससे सरकार की नीयत पर शक गहराता है।

एनडीए की तुलना अगर यूपीए से ढांचागत आधार के सृजन को लेकर की जाए तो यूपीए के मुकाबले एनडीए का रिकार्ड काफी खराब है। पिछले कुछ सालों में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस पर जो भी भाषण दिए हैं, उनका मुख्य केंद्र मुख्य रूप से ढांचागत आधार ही रहा हैसरकार उस समय पूरी तरह से झूठ बोलती है. जब वह कहती है कि बेची गई परिसंपत्तियों हमेशा सरकार के पास रहेंगी, जब भी ‘इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट’ प्दअप्ज् और त्म्प्ज् जैसे ट्रस्ट बना कर संपत्ति बेची जाएगी तो वह कभी भी सरकार के पास कैसे रह सकती है। इसके तहत सरकार अपने एक या उससे ज्यादा संपत्तियों को एक ट्रस्ट में डाल देता है। फिर ट्रस्ट उसके यूनिट बना कर खुले बाजार या चुने हुए खरीददारों को बेचता है। एक बार बिक गया तो बिक गया। सरकार की मलकीयत गई। बहुत सारी सरकारी संपत्तियों को इस प्रकार बेचने का इरादा इन दो भागों में छपी स्कीम में सरकार ने बताया है।

इसके अतिरिक्त 30 से 60 साल की लीज होती है, यह भी एक तरह से संपत्ति को बेचने जैसा ही है, जब दीर्घकाल तक किसी संपत्ति पर किसी निजी निवेशक का अधिकार बन जाता है लेकिन दुख की बात यह है कि सरकार इनको बेचने के भाव की जगह किराए के भाव पर इतनी लंबी अवधि के लिए दे रही है, इस अवधि में एक बच्चा प्रौढ़ावस्था में पहुंच जाएगा लेकिन उस अवधि के दौरान उस सरकारी परिसंपत्ति का कोई भी लाभ देश के नागरिक को नहीं हो पाएगा, जबकि निजी क्षेत्र उससे इस अवधि में लगातार कमाई करता रहेगा। सार्वजनिक उपक्रमों के लिए विभिन्न राज्य सरकारों ने रियायती दरों पर जमीन दी थी, जमीन या भूमि राज्यों का विषय होता है, ऐसे में विभिन्न राज्य सरकारों को भी केंद्र सरकार को भरोसे में लेना चाहिए था लेकिन उसकी नीयत में खोट है, इसकी वजह से उसने ऐसा नहीं किया।

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