बिना एनओसी लिये किस आधार चलाई जा रही है सोसाइटी- आवास विकास

लखनऊ। गोदावरी रेजिडेंस वेलफेयर सोसाइटी बसेरा-1,2, सेक्टर-3 अवध विहार योजना की मौखिक रुप से मनोनीत की गई कार्यकारिणी दिनांक 20/09/2021 दिन सोमवार को तत्काल प्रभाव से पूर्व महासचिव डा संजय सिंह ने भंग कर दी है। कार्यकारिणी भंग करने वाले पूर्व पदाधिकारियों में वरिष्ठ उपाध्यक्ष मान सिंह,वरिष्ठ संयुक्त​ सचिव जीवन सिंह, मीडिया प्रभारी मंगल सिंह,संयुक्त सचिव शिव सिंह,वरिष्ठ सदस्य गिरीश चौरसिया,वरिष्ठ सदस्य आरपी सिंह,वरिष्ठ सदस्य दीपक सिंह, वरिष्ठ सदस्य हरिचरन,सदस्य प्रभाकर सिंह शामिल रहे ।  

मौखिक रुप से गठित की गयी गोदावरी सोसाइटी में बगैर महासचिव डा संजय सिंह के सहमति बिना लगातार अवैधानिक मीटिंग की जा रही थी। बगैर वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों की उपस्थिति के संरक्षक व अध्यक्ष की ओर से बिना प्रस्ताव ,मुद्दा पारित हुये एक तरफा निर्णय लिया जा रह था जो कि सोसाइटी के नियम विरुद्ध था । इसके अलावा सोसाइटी के वरिष्ठ पदाधिकारी मीडिया प्रभारी मंगल सिंह को सोसाइटी से अलग दिखाना एक तरफा मनमानी पूर्ण रवैया सामने प्रकाश में आने पर महासचिव की ओर से तत्काल निर्णय लेते हुए कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया है। गौरतलब हो कि किसी भी सोसाइटी में कोई खर्च वहन या कोई भी निर्णय ​लेने के लिए महासचिव समेत वरिष्ठ पदाधिकारियों सदस्यों प्रस्ताव रखकर पारित कराना होता है। 

अवध विहार योजना सेक्टर—3 स्थित बसेरा—1,2 के सभी सम्मानित आवंटी को सूचित किया जाता है कि गोदावरी रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी एक अवैधानिक बिना रजिस्ट्रेशन की सोसाइटी है । अगर आप लोगों से इस सोसाइटी के नाम पर कोई अपने को पदाधिकारी बताता है तो वह अमान्य माना जाए । इस संबंध में जब उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद अवध विहार वृन्दावन कार्यालय से संर्पक किया गया तो वहां संपत्ति अधिकारी नृपेन्द्र बहादुर सिंह से लेकर अधिशाषी अभियंता का कहना है कि ऐसी सोसाइटी की कोई जानकारी नहीं है उनका कहना था कि जब बसेरा नाम है तो गोदावरी कहा का नाम है यह अवैधानिक सोसाइटी है। सभी आवंटी जो सोसाइटी की रजिस्ट्रर्ड के लिए ​बीते आठ माह से 300 सौ रुपये पैसे दिये हैं वह पैसा वापस की मांग कर रहे हैं ।इस सोसाइटी के सभी प्रपत्र की मांग कर रहे हैं । पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारियों व सदस्यों का आरोप है कि बैगर सोसाइटी रजिस्ट्रर्ड के आवंटी के साथ धोखाधड़ी कर 300 रुपये पैसा किस आधार पर वसूला जा रहा है। 

गंभीर बात तो यह है कि गोदावरी सोसाइटी बनाने के लिए ना ही आवास विकास परिषद की ओर से एनओसी जारी की गयी है । ना ही चीटफंड रजिस्ट्रार कार्यालय में पंजीकरण कराया गया है। ऐसे में आवंटियों में अब फर्जी पैसा वसूलने का मामला जोर पकड़ने लगा है। दो दर्जन से अधिक आवंटी गुमराह की बात कर पैसा वापस की मांग कर रह हैं । सोसाइटी के जानकारों का कहना है कि जो पैसा वसूला गया है वह कैश पदाधिकारीअपनी जेब में रखे है। एकांउट भी नहीं खुलवाया गया है। सोसाइटी का कोई कागजी रिर्काड कुछ नहीं है। इस संबंध में सुशांतगोल्फ थानाध्यक्ष विजेन्द्र सिंह से संर्पक किया गया तो कि आप के यहां इस सोसाइटी की कोई सूचना या पत्र दिया गया है तो उन्होंने इस सोसाइटी के नाम से इंकार किया। उन्होंने कहा कि अगर कोई मौखिक सोसाइटी बनाकर आवंटी को गुमराह कर रहा है तो संबंधित के खिलाफ तहरीर मिलने पर कार्रवाई की जायेगी ।

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