अवगुण जीभ में हजार हैं

 
महाराज जी भक्तों को उपदेश दे रहे हैं- घर में एक साफ -सुथरी हवादार जगह बना ले। उसमें कोई न जाय अपना आसन, माला अलग रक्खे। १० पर सोवे ३ पर उठे। भजन रात में ही होता है। दुनिया जागी मन भागी। सादा भोजन से मन सादा हो जाता है लहसुन, प्याज, करेला, कड़ू मूली, मिरचा, चटपटी चीज -काम, वासना पैदा करती है।
 
मीठा खाने से मन लबरा होता है, सब खाने से भजन न होगा अवगुण जीभ में हजार हैं। एक बार खाने से पाचन शक्ति ठीक रहती है। आलस्य नहीं आता। महाराज जी भक्तों को ये उपदेश संभवतः भजन करने के स्थान और भक्ति से सम्बंधित आदर्श परिस्थितियों में अपेक्षित कर्मों के बारे समझा रहे हैं जो इन्हें ऐसे ही कर सके उसका कल्याण निश्चित है और बाकी जिसके लिए जो संभव हो, जितना संभव हो -वो करे, लेकिन अपने आप से ईमानदारी के साथ और इस सन्दर्भ किसी के साथ अपनी तुलना या दिखावा करना व्यर्थ हैकहीं ना कहीं ऐसा करने से नकारात्मकता ही होती है जिससे किसी का भी भला नहीं होता। भक्ति में हमारे भाव सबसे महत्वपूर्ण हैं महाराज जी ने हमें ये सिखाया है की ईश्वर के दरबार में हमारे भाव रूपी बेतार के तार से हर क्षण के हाल पहुँचता रहता है और महाराज जी की तो अपने भक्तों पर नज़र रहती ही है सदैव हम सबके जीवन में अच्छा समय और बुरा समय आता-जाता रहता है
 
इनकी अवधि के बारे में हमारी कुछ भी नहीं चलती है क्योंकि ये तो वो सर्वशक्तिशाली परम आत्मा ही तय करता है। जब ईश्वर हमें हमारे बुरे कर्मों का फल दे रहा होता है अर्थात हमारा बुरा समय चल रहा होता है तब हम सभी उसे याद करते ही हैं, एक ही दिन कभी कभी कई बार उससे दया की भीख मांगते हैं महाराज जी से गुहार लगते हैं महाराज जी अपने सच्चे भक्तों का बहुत ध्यान रखते हैं जो सच्चे भाव से ईश्वर की भक्ति करते हैं, उसके प्रति समर्पण का भाव रखते हैं ऐसे भक्तों का प्रारब्ध काटते समय ईश्वर और महाराज जी उनके साथ होते हैं। जब वो हमें हमारे अच्छे कर्मों का फल दे रहा होता है अर्थात हमारा अच्छा समय होता है तो ईश्वर को याद करने से, उसके प्रति कृतज्ञ रहने से हममें विनम्रता आती है फलस्वरूप हमारा आचरण ठीक होता है इसलिए हम बुरे कर्म करने से बच जाते हैं जीवन में सकारात्मकता रहती है, शांति रहती है महाराज जी का आशीर्वाद भी मिलता है। इसलिए प्रतिदिन ईश्वर को, महाराज जी को याद करना हमारे ही लिए अच्छा होगा चाहे कुछ पलों के लिए ही हो यदि किसी कारणवश उस दिन हम बहुत व्यस्त हों। घर का काम करते समय भी उन्हें याद कर सकते हैं
 
महाराज जी सबका भला करें!

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