अगर जेल में बंद पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ईमानदार तो देश में बेईमान कोई नहीं- संजय शर्मा
माधव दत्त द्विवेदी की इस रिपोर्ट में लिखा है कि नूतन ठाकुर की बजह से
14 आम जन अपनी गाढ़ी कमाई लुटाकर इन 14 प्लॉट्स की रजिस्ट्री कराने के बाद
भी अपने-अपने भूखंड से बेदखल कर दिए गए। नूतन द्वारा किये गए अवैध कब्जे की
सूचना थाना गोमतीनगर को दिए जाने लेकिन थाना गोमतीनगर द्वारा कोई
कार्यवाही नहीं किये जाने की बात भी इस रिपोर्ट में लिखी है। अमिताभ
की पुलिसिया हनक का आलम यह रहा कि नूतन ने समिति की सड़क यानि कि आम रास्ता
भी बंद करके अपने प्लाट में मिला लिया। 'सैयां भये कोतवाल तो डर कहे का'
कहावत आपने सुनी तो बहुत होगी पर अगर आपको देखना हो कि यह कहावत धरातल पर
क्या-क्या चमत्कार कर सकती है तो माधव दत्त द्विवेदी की रिपोर्ट को पढने के
बाद एक बार उन 14 बदनसीबों से भी जाकर मिल आइये जिनकी जीवन भर की गाढ़ी
कमाई इन दोनों पति-पत्नी की जमीनों पर कब्ज़ा करने की हवस की भेंट चढ़ चुकी
है और इन बेचारों की आहों को भी महसूस कर आइये। संजय कहते हैं कि
अमिताभ ठाकुर द्वारा पुलिस तंत्र का दुरुपयोग करके डिकर सिंह बिष्ट को
धरती से गायब करा देने के चर्चे लम्बे समय से आम हैं। बकौल संजय उनको
विश्वास है कि यदि सरकार डिकर सिंह बिष्ट मामले की सीबीआई जांच करा ले तो
इस समय जेल में बंद अमिताभ ठाकुर डिकर सिंह बिष्ट मामले में भी जेल की
सलाखों की पीछे पंहुचेगा।