CBI आए दिन दर्ज कर रही है केस, SC का अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार
पश्चिम बंगाल बनाम केंद्र विवाद में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपनी रजिस्ट्री को कहा है कि वो इस मामले में नोटिस जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मूल वाद में रजिस्ट्री ही पक्षकारों को नोटिस जारी कर साक्ष्य लेती है। इसके बाद मामला अदालत में सुनवाई के लिए आता है, लेकिन इस मामले में प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ। इसलिए अब मामले को 4 हफ्ते बाद सुना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि सीबीआई आए दिन केस दर्ज कर रही है जबकि राज्य अपनी सहमति वापस ले चुका है इसलिए अंतरिम आदेश जारी करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा केंद्र के खिलाफ दाखिल मूल वाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। ममता सरकार ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल में सहमति वापस लेने के बावजूद सीबीआई FIR दर्ज करके शासन के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है। ममता सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत राज्य द्वारा दायर मूल मुकदमे पर जल्द सुनवाई की मांग भी की। सूट में राज्य की ओर से कहा गया है कि राज्य द्वारा पश्चिम बंगाल में घटनाओं से संबंधित मामलों के पंजीकरण के लिए सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने के तीन साल बाद भी सीबीआई ने राज्य में हुई घटनाओं से संबंधित 12 मामले दर्ज किए हैं।
ममता सरकार ने कहा है कि कानून एवं व्यवस्था और पुलिस को संवैधानिक रूप से राज्यों के विशेष अधिकार क्षेत्र में रखा गया है। सीबीआई द्वारा मामले दर्ज करना अवैध है। ये केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक रूप से वितरित शक्तियों का उल्लंघन है। पश्चिम बंगाल ने कहा कि उसने वर्ष 2018 में सामान्य सहमति वापस ले ली थी, लेकिन उसके बाद भी मामले दर्ज किए जा रहे हैं। कोयला घोटाला मामले में TMC सांसद अभिषेक बनर्जी के खिलाफ की कार्रवाई से नाराज ममता बनर्जी सरकार ने केंद्र और उसकी जांच एजेंसियों पर मामले दर्ज करके देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष केंद्र-राज्य विवाद उठाया है।