उपमुख्यमंत्री ने रू0 442 करोड़ 83 लाख की 169 परियोजनाओं का किया वर्चुअल रूप से शिलान्यास
लखनऊ। उ0प्र0 के
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आज चित्रकूट और बांदा की रू0 442
करोड़ 83 लाख की 169 परियोजनाओं (लम्बाई 355 किमी0) का लखनऊ से वर्चुअल रूप
से किया लोकार्पण/शिलान्यास किया, जिसमें रू0 208 करोड़ 48 लाख की 52
परियोजनाओं का लोकार्पण किया एवं रू0 234 करोड़ 35 लाख की 117 परियोजनाओं का
शिलान्यास किया तथा रू0 227 करोड़ 78 लाख की 23 नयी परियोजनाओं की, घोषणा
की।
उन्होने रू0 430 करोड़ 62 लाख की लागत से चित्रकूट में कबरई वाराणसी
मार्ग पर कर्वी बाईपास के नवनिर्माण कराये जाने की भी घोषणा की। मौर्य
ने कहा कि प्रदेश में बहुत बडे़ पैमाने पर विकास कार्य कराये जा रहे हैं।
उन्होने कहा कि चित्रकूट घाम के गौरव व गरिमा के अनुकूल बहुआयामी विकास
किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड को अन्य योजनाओं के
साथ-साथ सड़कों और पुलों की बहुत बड़ी सौगात दी गयी है। कहा कि पर्यटन की
दृष्टिकोण से भी चित्रकूट का विशेष ख्याल रखा जा रहा है। उन्होने कहा कि
बुन्दलेखण्ड में बड़ी संख्या में परियोजनाओं के चालू होने से रोजगार के लिये
पलायन पर विराम लगेगा। उन्होने कहा कि पूर्व के सभी अधूरे कार्य भी पूरे
किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने व गरीबों
में खुशहाली लाने के लिये लगातार प्रयत्नशील है और कार्य धरातल पर हो भी
रहे हैं तथा नजर भी आ रहे हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा
कि बुन्देलखण्ड के लिये सड़कों व पुलों आदि कि और भी जरूरत होगी तो उन्हे भी
पूरा कराया जायेगा। उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड की तमाम और परियोजनाएं भी
पाइप-लाईन में हैं, जिन्हें पूरा कराया जायेगा। बुन्देलखण्ड में पीने के
पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराये जा
रहे हैं और बुन्देलखण्ड एक्प्रेस-वे का निर्माण भी कराया जा रहा है।
अयोध्या से चित्रकूट तक के लिये 04 लेन के राम वन गमन मार्ग का आगणन तैयार
हो गया है। यह मार्ग शीघ्र ही बनेगा, यही नहीं अयोध्या से चित्रकूट तक
भगवान राम की जो लीलाएं हैं उनके परिदृश्य को भी इस मार्ग के सम्बन्धित
स्थलों पर दर्शाया जायेगा। अयोध्या, काशी, मथुरा, विंध्यांचल आदि स्थलों की
तरह चित्रकूट को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य तीव्र
गति से किया जायेगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा
कि यमुना नदी सेतु औगासी घाट, यमुना नदी महिला घाट एवं यमुना नदी मरकाघाट
का कार्य वर्ष 2011 में प्रारम्भ हुआ था, जो विगत कई वर्षों से रूका था,
वर्तमान सरकार द्वारा तीनों सेतुओं को पुनरीक्षित लागत स्वीकृति प्रदान की
गयी और समस्त कार्य पुनः प्रारम्भ करा दिये गये हैं, जो शीघ्र ही पूर्ण करा
दिये जायेंगे।
चित्रकूट की फतेहपुर-बबेरू एवं प्रयागराज से सीधे
कनेक्टिविटी हो जायेगी। चित्रकूट में रू0 77.71 करोड़ के 08 अन्य दीघ्र
सेतुओं की स्वीकृति प्रदान की गयी और यह सभी कार्य प्रगति पर हैं। उन्होने
चित्रकूट में कबरई-वाराणसी मार्ग (एन0एच0-35) पर कर्वी बाईपास मार्ग के
नवनिर्माण हेतु क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी मांग पर, इसे
बनवाये जाने की घोषणा की तथा कहा कि लगभग 25 किमी0 लम्बे इस मार्ग की लागत
रू0 430 करोड़ 62 लाख है। केन्द्र और प्रदेश सरकार की
बहुआयामी व अत्यन्त महत्वाकांक्षी योजनाओं की चर्चा करते हुये उन्होने
जहां प्रदेश में कराये गये व कराये जा रहे विकास व निर्माण कार्यों पर
प्रकाश डाला, वहीं सोशल सेक्टर में आम जनमानस को दी जा रही सुविधाओं के
बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि सरकार पूरी संवेदनशीलता और
गम्भीरता के साथ योजनाओं को अमलीजामा पहना रही है। भ्रष्टाचार मुक्त
प्रशासन, अपराधमुक्त प्रशासन देने के साथ-साथ बिचौलियों को किसी भी योजना
में फटकने नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश में बड़ी संख्या में बिना किसी
भेदभाव के प्रतिभा के आधार पर नौकरियां दी गयीं हैं।
प्रदेश में विकास की
गंगा-यमुना बह रही हैं। किसानों को उचित दाम पर उर्वरकों की उपलब्धता
सुनिश्चित की गयी है। किसानों के उत्पाद के समर्थन मुल्य भी बढाये गये हैं।
मेघावी बच्चों के घरों तक सड़कें बन रही हैं। तहसील व विकास खण्ड
मुख्यालयों को 02 लेन मार्ग से जोड़ा गया है। 250 की आबादी तक के सभी गांवों
को पक्के सम्पर्क मार्गों से जोड़ा जा रहा है और इनके कार्य पूरी गुणवत्ता व
समयबद्धता के साथ पूरे कराये जायेंगे। उन्होने बांदा और चित्रकूट के
जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि उनकी जो भी मांगें/प्रस्ताव हैं, दे,
दें उन्हे भी पूरा किया जायेगा। लखमीपुर की घटना पर अफसोस जाहिर करते हुये
उन्होने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु हुयी है, उनके परिजनों के प्रति उनकी
पूरी संवेदना है। वर्चुअल रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होने मृतक
लोगों के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।