उपमुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने शिक्षकों के प्रोन्नति के सम्बन्ध में लिया एतिहासिक निणर्य
लखनऊ। उप
मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री से परामर्श कर
महाविद्यालयों के शिक्षकों के प्रोन्नति के सम्बन्ध में एतिहासिक निणर्य
लिया है। डाॅ0 दिनेश शर्मा ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि
उत्तर प्रदेश सरकार सुखी मन शिक्षक, गुणवत्तापरक शिक्षा तथा तनाव मुक्त
विद्यार्थी के ध्येय वाक्य के साथ लगातार काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश
सरकार ने महाविद्यालयों के शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए शिक्षक
संगठनों की मांग पर राजकीय महाविद्यालयों तथा अशासकीय सहायता प्राप्त
महाविद्यालयों के एसोसिएट प्रोफेसर से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति की
व्यवस्था लागू किये जाने का निर्णय लिया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि इस व्यवस्था का लाभ ऐसे एसोसिएट प्रोफेसर को
अनुमन्य होगा, जो शासनादेश निर्गत किये जाने की तिथि को एवं उसके पश्चात
निधार्रित अहर्ता पूर्ण करते हैं। इस अभूतपूर्व निर्णय से लगभग 500
महाविद्यालयों के 4000 से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर कैरियर एडवांसमेन्ट स्कीम
के अंतर्गत प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इस
निर्णय से प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति के लाभ के अतिरिक्त महाविद्यालय
शिक्षकों को भी प्रोफेसर के पद के आधार पर अन्य उच्चतर संस्थाओं में
प्रतिष्ठित पदों पर नियुक्तियां प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
इससे उत्तर प्रदेश के शिक्षक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त होने के उपरान्त
देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में नियुक्ति की अर्हता हासिल कर लेंगे तथा
उत्तर प्रदेश की कीर्ति देशभर में फैलेगी। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली की अधिसूचना
दिनांक 18 जुलाई, 2018 द्वारा ’विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विश्वविद्यालय
और महाविद्यालयों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति
हेतु न्यूनतम अर्हता तथा उच्चतर शिक्षा में मानकों के रख-रखाव हेतु अन्य
उपाय संबंधी विनियम, 2018 निर्गत किया गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
विनियम, 2018 के प्रस्तर-6.4 में कैरियर एडवान्समेंट स्कीम की व्यवस्था दी
गई है। प्रस्तर 6.4 बी में महाविद्यालयों के अध्यापकों के कैरियर
एडवान्समेंट स्कीम का उल्लेख है। इसके उप प्रस्तर-04 में एसोसिएट प्रोफेसर
से प्रोफेसर की व्यवस्था दी गई है। इसके लिए योग्यता एवं प्रोन्नति के
मानदण्ड भी निर्धारित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विनियम, 2018 में
कैरियर एडवान्समेंट स्कीम के अंतर्गत प्रोन्नति के लिए छानबीन-सह-मूल्यांकन
समिति के गठन की व्यवस्था का उल्लेख है।
उल्लेखनीय है कि उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा द्वारा शिक्षक संगठनों
के आग्रह पर पूर्व में भी शिक्षकों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये
गये हैं। जिनमें 28 मई 2015 तक पुराने नियम से प्रोन्नति एवं इस तिथि तक
रीडर/सेलेक्शन ग्रेड (8000 एजीपी) को प्राप्त शिक्षकों को 3 वर्ष की सेवा
पूर्ण करने पर स्वतः एसोसिएट प्रोफेसर (पे बैण्ड-4), रिफ्रेशन आॅर ओरिएटेशन
की कट आॅफ डेट 2017, छठे वेतनमान के मकान किराये भत्ते में 20 प्रतिशत की
बढ़ोत्तरी, सेवारत पति/पत्नी दोनों को सरकारी सेवकों की भांति मकान किराये
भत्ते का लाभ, परीक्षा पारिश्रमिक में वृद्धि, सातवें वेतनमान के एरियर का
भुगतान तथा राज्य कर्मचारियों की भांति मकान किराया भत्ता, उच्च शिक्षा
विभाग के मानदेय एवं तदर्थ शिक्षकों का विनियमतीकरण, यू0जी0सी0 नियमन 18
जुलाई, 2018 में नई नियुक्तियों में पीएचडी अनिवायर्ता की बाध्यता से छूट
तथा नेट जे0आर0एफ0 के आधार पर नियुक्ति, यूजीसी रेगुलेशन 18 जुलाई, 2018 के
द्वारा 3 वर्ष की छूट को उत्तर प्रदेश में 28 जून, 2019 तक लागू करना,
स्नातक स्तर पर अध्यापन कार्य करने वाले शिक्षकों को शोध कराने का अधिकार,
सेवा निवृत्त शिक्षकों के रिक्त पदों के सापेक्ष मानदेय आधार पर नियुक्ति
के मानदेय दरों में वृद्धि तथा इसका लाभ विश्वविद्यालय के शिक्षकों को भी
दिया जाना, शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति की सेवा 1 जनवरी, 2016
अथवा उसके उपरान्त सेवा निवृत्ति/मृत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कमर्चारियों की
पेंशन/ग्रेच्युटी/पारिवारिक पेंशन एवं राशिकरण की दरों का पुनरीक्षण आदि का
लाभ दिया जा चुका है।