प्रधानमंत्री ने कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का किया उद्घाटन
कुशीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन किया। सभा में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वभर के बौद्ध समाज के लिए भारत श्रद्धा का, आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा कि आज कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की यह सुविधा, उनकी श्रद्धा को अर्पित पुष्पांजलि है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर महापरिनिर्वाण तक की संपूर्ण यात्रा का साक्षी यह क्षेत्र आज सीधे दुनिया से जुड़ गया है।
प्रधानमंत्री ने यह रेखांकित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों को विकसित करने के लिए, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए, श्रद्धालुओं की सुविधाओं के निर्माण पर भारत द्वारा आज विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कुशीनगर में उतरने वाली श्रीलंका की फ्लाइट और वहां के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। आज महर्षि वाल्मीकि की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सबका साथ और सबका प्रयास की सहायता से सबका विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “कुशीनगर का विकास, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं में है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन का चाहे जो स्वरूप हो, चाहे वह आस्था के लिये या आराम के लिये; उसके लिये रेल, सड़क, हवाई मार्ग, जलमार्ग, होटल, अस्पताल,
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में विमानन सेक्टर के विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में एयर कनेक्टिविटी (वायु संपर्कता) में लगातार सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर एयरपोर्ट से पहले ही आठ एयरपोर्ट चालू हो चुके हैं। लखनऊ, वाराणसी और कुशीनगर के बाद जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। इसके अलावा अयोध्या, अलीगढ़, आजमगढ़, चित्
ऐसा ही एक बड़ा रिफॉर्म डिफेंस एयरस्पेस को सिविल यूज़ के लिए खोलने से जुड़ा है।” प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि हाल में लॉन्च ड्रोन नीति से कृषि से स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन से रक्षा तक के क्षेत्रों में जीवनोपयोगी बदलाव आयेगा। प्रधानमंत्री ने हाल ही में लॉन्च किए गए प्रधानमंत्री गति शक्ति– राष्ट्रीय मास्टर प्लान के बारे में कहा कि “इससे गवर्नेंस में तो सुधार आएगा ही, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क हो, रेल हो, हवाई जहाज़ हो, ये एक दूसरे को सपोर्ट करें, एक दूसरे की क्षमता बढ़ाएं।”