सामाजिक संपर्क अभियान के तहत भाजपा ने सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन की शुरूआत की

लखनऊ भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक संपर्क अभियान के तहत रविवार को सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन की शुरूआत की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय तथा महाराज दक्ष प्रजापति व डा. रत्नाप्पा कुंभार के चित्रों पर पुष्पार्चन करके सम्मेलन का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही पार्टी के 17 से 31 अक्टूबर तक होने वाले सम्मेलनों का गणेश हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया। जबकि समापन सत्र को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद प्रसाद मौर्य ने सम्बोधित किया।

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, औद्योगिक विकास राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष लोकेश प्रजापति तथा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में 9 लाख गरीब परिवार को घर दिए जा चुके है। इस दिवाली पर उन परिवारों के गृह प्रवेश की खुशी पर अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव पर 9 लाख मिट्टी के दीये जलाएं जाएंगे। यह दीयें अयोध्या के प्रजापति समाज द्वारा बनाए गए है। साथ ही सरकार की ओर से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में दिए गए 42 लाख आवासों में भी एक-एक मिट्टी का दीया जलाया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा पिछड़ा वर्ग के समाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि इस बार दिवाली में विदेश से आई लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की नहीं बल्कि अपने मिट्टी से जुड़े कारीगरों की बनाई मूर्ति से पूजा होना चाहिए। इस अभियान के साथ हम सबको जुड़ना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया था। लेकिन पिछली सरकारें सबका साथ अपना विकास के नारे पर काम कर रही थी। पिछली सरकारें साथ सबका चाहती थी लेकिन विकास अपना करती थी। उन्होंने ने कहा कि पर्व और त्योंहार में जब कमाई का समय आता था तो प्रदेश को दंगों की आग में झोंक दिया जाता था। इससे प्रदेश पिछड़ता चला गया। मिटटी के कारीगरों के कारोबार चौपट हो गए। आज सरकार दबे कुचले लोगों की आवाज को एक आवाज दे रही है, उनको आगे बढ़ाने का काम कर रही है। माटीकला बोर्ड के माध्यम से इस उद्योग से जुड़े लोगों के चेहरे पर खुशी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले प्रजापति समुदाय के लोगों के बनाए मिटटी के बर्तन बिकते नहीं थे। 2017 में हमारी सरकार आने के बाद जानलेवा प्लास्टिक पर बैन लगाया। मिट्टी से जुड़े कारीगरों को पहचान देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया। कारीगरों को बर्तन बनाने के लिए निःशुल्क इलेक्ट्रिक चॉक वितरित किए। इससे जो कारीगर पहले 70 बर्तन बनाते थे, वह 400 बर्तन तैयार कर रहे हैं। माटीकला बोर्ड की ओर से आयोजित प्रदर्शनियों के जरिए उनके व्यापार को बढ़ावा दिया गया। सरकार की योजना प्रजापति समुदाय और मिट्टी से जुड़े कारीगरों के लिए स्वावलंबन का आधार बनी। माटीकला बोर्ड से सिर्फ एक समुदाय नहीं बल्कि पूरा समाज जुड़ा हुआ है। यही जीवन चक्र है। इससे अर्थव्यवस्था भी जुड़ी है। प्रजापति समाज ने अपनी मिट्टी से जुड़कर आस्था के साथ अर्थव्यवस्था को बेतहर बनाने का काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली पर चीन में बनी लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां बाजार में छा जाती थी। उन्होंने कहा चीन एक नास्तिक देश है। वह भगवान की मूर्तियों को सही आकार नहीं दे पाता हैं। वह मूर्तियों के जरिए सिर्फ कमाई करता है। माटीकला बोर्ड के गठन के बाद अब प्रदेश में भी लक्ष्मी-गणेश की आकर्षक मूर्तियां बन रही है। अपनी मिटटी से बनी मूर्तियों में साक्षात लक्ष्मी-गणेश का वास नजर आता है। योगी जी ने कहा कि अपने कारीगरों व मिट्टी से तैयार लक्ष्मी-गणेश से पूजा करेंगे तो लक्ष्मी आपके घर वास करेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि माटीकला बोर्ड के जरिए ट्रेनिंग हासिल कर कारीगर आज आर्कषक दीये व बर्तन बना रहे है। उन्होंने अपनी रचनात्मकता को समाज के सामने प्रस्तुत किया है। नए डिजाइन के दीये बाजार में लाए हैं। उन्होंने कहा कि 2017 से मिट्टी के बर्तनों का कारोबार खत्म होने की कगार पर था। 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव आयोजित हुआ तो उस समय 50 हजार मिट्टी के दीये नहीं मिल पा रहे थे। इस बार अयोध्या में प्रजापति समुदाय के तैयार किए हुए 9 लाख दीये अयोध्या में जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि माटी कला बोर्ड के माध्यम से कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया गया है। 40 हजार शिल्पकारों को 5261 इलेक्ट्रिक चॉक दिए गए। पिछली सरकारों में कारीगरों को तालाबों से मिट्टी नहीं मिल पाती थी। सरकारों ने तालाबों को बेच दिया था। हमारी सरकार ने 35 हजार कारीगरों को निःशुल्क मिट्टी के पटटे दिए हैं। कारीगरों को अप्रैल से जून तक निःशुल्क मिट्टी दी जाती है।

साथ ही 3 हजार कारीगरों को आधुनिहक तकनीक के जरिए डिजाइनिंग सिखाई गई है। कारीगरों की मार्जिन मनी के जरिए भी सहायता की जा रही है। उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके के पास जब सरकार की योजनाएं पहुंचती हैं तो उनके जीवन में बदलाव आता है, तभी समाज बेहतर बनता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों में 75 जिलों में से सिर्फ 4 जनपदों में ही बिजली आपूर्ति की जाती थी। पर्व और त्योंहारों पर प्रदेश अंधरे में डूबा रहता था। हमारी सरकार आने के बाद पूरे प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति की गई। कोयला संकट होने के बाद त्योंहार पर किसी घर में अंधेरा न हो इसके लिए सरकार ने 22 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर पूरे प्रदेश में आपूर्ति की। सरकार मोदी जी के मंत्र सबका साथ, सबका विकास पर काम कर रही है। प्रदेश में 2 करोड़ 61 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए, आवास योजना के तहत 42 लाख परिवारों के घर का सपना पूरा किया गया। योगी ने कहा कि पर्व और त्योंहार बहुत से परिवारों की आय का जरिया होते हैं। लेकिन 2017 से पहले जब त्योंहार आते थे तो प्रदेश में दंगे होते थे। कारोबार चौपट हो जाते थे। हमारी सरकार आने के बाद पिछले साढ़े चार सालों में एक भी दंगा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार यूपी में 41 हजार स्थानों पर मूर्तियां रखी जाती है। शुक्रवार शाम तक 32 हजार मूर्तियों का सकुशल विर्सजन हो चुका है। कहीं कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। यह सभी 41 हजार मूर्तियां मिट्टी की बनी थी, जो अपने ही कारीगरों ने तैयार की थी। 
इन आयोजनों से कितने लोगों को रोजगार मिला होगा। किसी ने यहां पंडाल लगाया होगा, दीये जले होंगे, कलाकार आए होंगे, बिजली की सजावट हुई होगी। पर्व रोजगार का जरिया हैं। नवरात्रि का त्योंहार पूरे प्रदेश में भव्यता से मनाया गया, कहीं कोई विवाद नहीं हुआ। त्योंहार के दौरान बरती गई सावधानी और लोगों के उत्साह के आगे कोरोना भी हार गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केन्द्रीय कैबिनेट की बदौलत पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता मिल सकी है। इससे उनकी मान्यता बढ़ी है। अब आयोग द्वारा दिया गया कोई भी आदेश न्याययिक आदेश होता है। यह सिर्फ भाजपा सरकार में ही संभव हो सका। उन्होंने कहा कि 2015-2016 में गरीब बच्चों को स्कालरशिप नहीं मिली थी। हमारी सरकार आने के बाद पूर्वदशम में 30 लाख 63 हजार छात्रों को 627 करोड़ 49 लाख की छात्रवृति दी जा चुकी है। दश्मोत्तर के 69 लाख 18 हजार 683 छात्रों को स्कालरशिप व फीसपूर्ति की गई है। गरीब छात्रों के लिए 64 छात्रावास व 38 बालिकाओं के लिए छात्रवास बनाए गए है। गरीब कन्याओं की शादी के लिए अनुदान देने का काम सरकार कर रही है।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि पहले से ही योगी फोबिया से ग्रस्त सपा अब भाजपा मेनिया का भी शिकार हो गई है। उन्होंने कहा कि शायद यही वजह है कि सपा के युवराज को भाजपा व उत्तर प्रदेश में आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकारों द्वारा किये गए काम नजर नहीं आते। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गरीबों की पार्टी है। साधारण परिवार में जन्म लेने वाले लोगों ने इस पार्टी को बनाया और आज उन्हीं के कारण भाजपा यहां तक पहुंची है। उन्होंने कहा कि यह किसी जाति की पार्टी नहीं है बल्कि इस पार्टी में प्रत्येक जाति का नेतृत्व है। यहां किसी भी जाति का व्यक्ति कल का प्रदेश अध्यक्ष हो सकता है और कल नेतृत्व भी कर सकता है। एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने पंक्ति के अंतिम व्यक्ति के मान, सम्मान, भरपेट भोजन, रहने को छत और समाज में उसको उचित प्रतिष्ठा के लिए अंत्योदय को आधार बनाकर राजनीतिक दल की नींव रखीं। इस विचार को पूरा करने का काम एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने किया। उन्होंने गरीबों के लिए गरीब कल्याण योजनाएं चलाई। उसी तरह है एक गरीब परिवार में जन्म लेने वाला और रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाला नौजवान जब देश का प्रधानमंत्री बना तो उन्होंने भारत के स्वाभिमान और गरीब के सम्मान के लिए काम किया। स्वच्छता कर्मियों का पैर धोकर स्वच्छता का संदेश देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को मूर्तरूप प्रदान कर रहे है।

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