राष्ट्रीय डाक सप्ताह के तहत डाक विभाग ने मनाया बैंकिंग दिवस
वाराणसी। बालिकाएं आने वाले कल का भविष्य हैं। उनके उज्जवल भविष्य
के लिए अभी से उन्हें आर्थिक व सामाजिक रूप से सुदृढ़ करने की जरूरत है।
इसमें 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ 'सुकन्या समृद्धि योजना' महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। आज
भी डाकघर की बचत योजनाएँ सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और इनमें लोग पीढ़ी-दर-पीढ़ी
पैसे जमा करते हैं। उक्त उद्गार 'राष्ट्रीय डाक सप्ताह' के तहत 11 अक्टूबर
को बैंकिंग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के
पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने व्यक्त किये।
डाक विभाग द्वारा
वाराणसी, जौनपुर, भदोही, चंदौली, गाजीपुर, बलिया जनपदों में अभियान चलाकर
सुकन्या समृद्धि, डाक बचत योजनाओं और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के खाते
खुलवाए गए। पोस्टमास्टर
जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि देश इस समय आजादी का अमृत महोत्सव
मना रहा है और हमारे देश में बेटियों का स्थान अहम है। नवरात्र में हमारे
यहाँ कन्याओं को पूजने की परंपरा है। ऐसे में 10 साल तक की बेटियों का
मात्र 250/- से डाकघर में खुलने वाला सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का
ही एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से
भी जुड़ा हुआ है। वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक 2 लाख बालिकाओं के सुकन्या
समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं, वहीं 357 गाँवों को सम्पूर्ण सुकन्या
समृद्धि ग्राम बनाया जा चुका है।
पोस्टमास्टर
जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, इस योजना के आर्थिक के साथ-साथ
सामाजिक आयाम भी महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बालिकाओं के
लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर एवं विवाह में उपयोगी होगी। यह योजना
बालिकाओं के सशक्तिकरण के द्वारा भविष्य में नारी सशक्तिकरण को भी बढ़ावा
देगी। उन्होंने लोगों से अपील भी की कि नवरात्र में गरीब व वंचित परिवार की
नौ बेटियों का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवाकर नई पहल करें। पोस्टमास्टर
जनरल ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के
माध्यम से डाकघर वित्तीय समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
डिजिटल बैंकिंग के तहत घर बैठे खाता खोलने के साथ आधार इनेबल्ड पेमेंट
सिस्टम द्वारा डाकिये के माध्यम से घर बैठे किसी भी बैंक के खाते से राशि
निकालने की अनूठी सुविधा दी जा रही है। डाकिया अब चलते-फिरते बैंक हो गए
हैं।
वाराणसी परिक्षेत्र में अब तक विभिन्न बचत योजनाओं में 37.50 लाख खाते
और 4.25 लाख इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खाते खुल चुके हैं। इनमें इस
वित्तीय वर्ष में कोरोना महामारी के बीच क्रमशः 1.62 लाख और 59 हजार खाते
खोले गए हैं। वाराणसी
पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन ने कहा कि सुकन्या समृद्धि
योजना से बेटियों को जोड़ने हेतु डाककर्मियों द्वारा घर-घर जाकर पहल की जा
रही है। इस योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम डेढ़ लाख रूपये जमा किये
जा सकते हैं। बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने अथवा 10वीं कक्षा
पास कर लेने के उपरांत जमा राशि का 50 प्रतिशत तक निकाला जा सकता है। खाते
की परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष है, तथापि बालिका द्वारा
18 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद विवाह के समय बंद किया जा सकता है।
वाराणसी
पश्चिमी मंडल के अधीक्षक डाकघर संजय वर्मा ने बताया कि, सुकन्या
समृद्धि योजना में ब्याज दर 7.6 प्रतिशत है और जमा धनराशि व अर्जित ब्याज
पर आयकर छूट भी है। खाता खोलने के लिए बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक
का परिचय पत्र व निवास प्रमाण के साथ दो फोटो की जरूरत होती है। इस अवसर पर वाराणसी परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न मंडलों में कई स्थानों पर मेलों का आयोजन किया गया।