पुलिस विभाग में लगभग डेढ़ लाख नई भर्ती से वेतन का बढ़ा बजट- अपर मुख्य सचिव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश पुलिस को और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाने एवं अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त किये जाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं के क्रम में आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में प्रस्तावित व्यय के विश्लेषण एवं औचित्य पर गृह विभाग में आज सम्पन्न उच्चस्तरीय बैठक में गहन मंथन एवं विचार विमर्श किया गया।


अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी एवं पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के समक्ष आज लोकभवन स्थित गृह विभाग के कमान्ड सेन्टर में अपर पुलिस महानिदेशक पी0एच0क्यू0, बी0पी0 जोगदण्ड द्वारा पुलिस विभाग हेतु विभिन्न मदो में प्रस्तावित बजट की धनराशि एवं उसके औचित्य का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। बैठक में जानकारी दी गयी कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पुलिस विभाग के कुल बजट में लगभग 2 गुनी वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में जहां कुल बजट की धनराशि 16239.92 करोड़ रूपये था, वह बढ़कर 2021-22 में 30105.98 करोड़ रूपये हो गयी। वर्तमान सरकार द्वारा अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता दिये जाने के कारण निर्माण कार्यो के बजट में 4 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। निर्माण कार्यो के मद में वर्ष 2017-18 में जहां 708.62 करोड़ रूपये की धनराशि का प्रावधान किया गया था, वह वर्ष 2021-22 मंे बढ़कर 2968.74 करोड़ रूपये हो गया।

प्रदेश में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की नयी भर्ती की गयी है, जिसके कारण वेतन व भत्तों के मद में भी इसी के अनुपात में वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में वेतन के मद में जहां यह धनराशि 13560.8 करोड़ रूपये थी, वह 2021-22 में बढ़कर 23156.6 करोड़ रूपये हो गयी है। आगामी वित्तीय वर्ष-2022-23 में पुलिस विभाग के अनुदान संख्या-26 अन्तर्गत 41236 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जो वर्ष-2021-22 के सापेक्ष 36.97 प्रतिशत अधिक है। प्रस्तावित बजट में  तहसील स्तर तक अग्निशमन सेवाओं के सुदृढीकरण तथा विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं को प्राथमिकता के आधार पर जरूरी संसाधनों से लैस करने का प्रयास किया गया है। साथ ही प्रदेश में नवनिर्मित होने वाले ’’यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आॅफ फारेंसिक साइंसेज लखनऊ’’ की शीघ्र स्थापना को गति प्रदान के साथ-साथ एस0टी0एफ0, ए0टी0एस0 एवं अभिसूचना तंत्र को मजबूत करने पर भी विशेष बल दिया गया है।

यू0पी0 112 को भी और अधिक चुस्त-दुरूस्त बनाया जायेगा। अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा सम्बन्धी कार्यक्रमों को भी इसमें प्राथमिकता दी गयी है तथा प्रदेश के सभी मण्डलों में सेफ सिटी परियोजना का विस्तार करने की भी योजना है।

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