रालोद नेता ओंकार सिंह के जन्मदिवस पर काफी हाऊस में विचार गोष्ठी संपन्न

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ओंकार सिंह ने अपना पूरा जीवन लोक संघर्ष को समर्पित कर दिया। उनका राजनीतिक कर्म गांव – गरीब , खेत – खलिहान और किसान के प्रति समर्पित रहा। यह वक्तव्य ओंकार सिंह के जन्मदिवस की ६१वीं वर्षगांठ पर हजरतगंज स्थित काफी हाऊस में 01 अक्टूबर को हुई एक बैठक में पूर्व विधायक कुबेर भंडारी ने व्यक्त किया।

आज काफी हाऊस में ओंकार सिंह को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े नेता ,पत्रकार , अधिवक्ता , सामाजिक कार्यकर्ता ... एकत्रित हुए , लोगों ने उनका माल्यार्पण कर बधाई दिया और उनके स्वस्थ तथा दीर्घ जीवन के लिए शुभकामनाएं व्यक्त किया। इस अवसर पर नवभारत पत्रकार एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नैमिष प्रताप सिंह ने कहा कि आज जब हम ओंकार सिंह जैसे लोक हित के प्रति समर्पित व्यक्तित्व का जन्मदिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए है तब यह जानना – समझना  जरूरी है कि आज राष्ट्र के समक्ष क्या चुनौतियां है और इस दौर उनके जैसे लोगों की क्या पर प्रासंगिकता हैं? इस विचार गोष्ठी को एडवोकेट कुंवर मुकेंद्र सिंह, एडवोकेट अरुणा सिंह, एडवोकेट एवं मजदूर नेता राकेश मणि त्रिपाठी , शैलेंद्र सिंह ‘संजय’, चंद्रिका पाल, डा. राजेश शुक्ला, के. के. शुक्ला, अजय सिंह, राजेंद्र कुमार गुप्ता, उदयनाथ सिंह आदि ने संबोधित किया। बताते चले कि ओंकार सिंह तराई इलाके के बहराइच जनपद में एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्में एवं छात्र जीवन से ही समाजवादी विचारधारा के प्रति आकर्षित हो गए।


महात्मा गांधी ,आचार्य नरेन्द्रदेव, लोकनायक जय प्रकाश नारायण, डा.राम मनोहर लोहिया , चौधरी चरण सिंह , चन्द्र शेखर , राज नारायण , मधु लिमये से प्रभावित एवं प्रेरित ओंकार सिंह जी को संगठन की राजनीति का व्यापक अनुभव हैं . उनको किसानों , मजदूरों , कामगारों सहित श्रमिक समाज एवं ग्रामीण भारत की विवशताओं और चुनौतियों की अच्छी समझ हैं। उनका राजनीतिक कर्म समाज में सबसे निचले पायदान पर खड़े दलितों , पिछड़ों , अल्पसंख्यकों सहित गरीबों - मजलूमों के इर्द - गिर्द घूमता रहा. शायद यही कारण था कि उनको पूर्व प्रधानमंत्री एवं समाजवादी नेता रहे चन्द्रशेखर, कमांडर अर्जुन सिंह भदौरिया, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा, प्रख्यात  समाजवादी चिंतक सुरेंद्र मोहन , क्रांतिकारी समाजवादी एवं पूर्व रक्षा मंत्री जार्ज फर्नाडींज, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव , बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ... के साथ कार्य करने और ऐसे  राष्ट्रीय नेताओं का सानिध्य प्राप्त करने का अवसर मिला। वर्तमान में ओंकार सिंह, किसान राजनीति की धुरी बन रहे तथा जन साधारण की आशा एवं विश्वास का केन्द्र बनकर उभर रहें राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे ताकि रालोद को एक राजनीतिक विकल्प के रुप में खड़ा किया जा सकें और चौधरी साहब चरण सिंह के सपनों का भारत बनाया जा सकें।

ओंकार सिंह ने निचले स्तर से सार्वजनिक जीवन की शुरूआत किया इसलिए उम्र के इस पड़ाव पर उनको राजनीतिक - सामाजिक मुद्दों को लेकर अच्छी समझ हैं। आज भी वे इस महादेश में किसानों, मजदूरों, श्रमिक समाज के हित में चलने वाले आंदोलनों - कार्यक्रमों ... में पूरे उत्साह के साथ हिस्सेदारी करते हैं . वे कभी इसमें नहीं उलझते कि उनके पास संसाधन कम हैं कि ज्यादा , बस वे लोकहित के मुद्दों पर सदैव संघर्ष की मानसिक दशा में रहते हैं. आज राजनीति में जब नई पीढ़ी का एक बढ़ा हिस्सा  सुख - सुविधाओं की ओर ही स्वयं को केंद्रित किये हुए  हैं तब ओंकार सिंह जैसे जन संघर्षों से निखरें व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखा जा सकता हैं, प्रेरित हुआ जा सकता हैं कि कैसे सार्वजनिक हित के लिए बड़ी - बड़ी लड़ाइयां न्यूनतम संसाधनों से भी लड़ी जाती है ?


प्रस्तुति : नैमिष प्रताप सिंह

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