सीधे खाते में रु0 भेजने का ड्रामा कर बच्चों को ठिठुरने के लिए छोड़ा- संजय सिंह
लखनऊ। योगी ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को ठंड
में ठिठुरने के लिए छोड़ दिया है। कोरोना काल में बंद कस्तूरबा
विद्यालयों में बच्चियों के ड्रेस, स्टेशनरी और भोजन के नाम पर हमने नौ
करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार खोला तो अब सरकार सीधे अभिभावकों के खाते में
बस्ता, ड्रेस, स्वेटर और जूता-मोजा खरीदने के लिए पैसे भेजने का ड्रामा
कर रही है। इस रकम से एक बच्चे के लिए पूरा सामान नहीं खरीदा जा सकता।
ये
पैसे भी सरकार ने उन जनधन खातों में भेजे हैं, जिसमें 31 प्रतिशत सीज
हैं। ऐसे में बच्चों के पास ठंड में ठिठुरने के अलावा कोई अन्य विकल्प
नहीं है। ये बातें आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय
सिंह ने मंगलवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान कहीं। इस
मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह और प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी मौजूद
रहे। संजय सिंह ने कहा कि बस्ता, जूता-मोजा,
स्वेटर और ड्रेस खरीद के लिए स्कूली बच्चों के अभिभावकों के खाते में
1100-1100 भेजकर योगी जी बस दिखावा कर रहे हैं। एक दिन पहले मैंने यह बात
कही थी। तब मैंने इस खरीद के लिए अभिभावकों के खाते में तीन हजार भेजने
की मांग की थी। मेरा गणित सही रहे, इसके लिए आज बाजार गया और एक बच्चे
के लिए बस्ता, दो ड्रेस, दो मोजा, एक जूता और स्वेटर खरीदा।
सामान्य
श्रेणी का यह सामान खरीदने में 2600 रुपये से ज्यादा खर्च हो गए। एक
सामान्य शर्ट का मूल्य 358 रुपए है और 398 रुपए की एक पैंट है। पैंट और
शर्ट के दो सेट का मूल्य 1512 रुपये है। वहीं, सामान्य क्वालिटी का एक
स्वेटर 428 रुपये का है। इसके अलावा एक जोड़ी जूता 250 रुपये और दो जोड़ी
मोजा 96 रुपये का है। वहीं, स्कूल बैग 350 रुपये का है। पूरी खरीदारी का
कुल मूल्य 2636 रुपये है। ऐसे में हमारी मांग है कि सरकार हर अभिभावक के
खाते में न्यूनतम 2600 रुपये भेजें और सीधे खाते में 1100 रुपये भेजने का
ड्रामा बंद करे। आम आदमी पार्टी की तरफ से बेसिक शिक्षा मंत्री को इस
संबंध में एक ग्यारह ₹1100 का चेक भेजा जा रहा है। इसमें उनसे कहा गया है
कि 1100 में किसी बच्चे का जूता मोजा, स्वेटर, बस्ता और दो ड्रेस खरीद कर
दिखा दें। साथ ही वह सभी जिलों में उन दुकानों का नाम सार्वजनिक करें,
जहां ये सारे सामान 1100 रुपये में लिए जा सकें। मुख्यमंत्री जी इस तरह
किसी की गरीबी का मजाक ना बनाएं। अगर आपकी नीयत ठीक है तो इस धनराशि को
बढ़ाकर 2600 करें।