अयोध्या के पाँच कोस में विराजते है 6000 देवी देवता


अयोध्या। कार्तिक एकादशी तिथि पर लाखों श्रद्धालुओं ने पंचकोशी परिक्रमा प्रारंभ किया। नंगे पांव भक्त भगवान के धुन में मस्त होकर महज कुछ घँटों में ही इस परिक्रमा को पूरा कर रहे हैं। वहीं परिक्रमा को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त रखा गया है। साथ ही स्थान स्थान पर स्वास्थ, अन्य सुविधा संबंधित कैम्प भी लगाया गया है।राम नगरी अयोध्या में आज एकादशी तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त से परिक्रमा पवित्र सरयू नदी पर स्नान ध्यान कर से प्रारम्भ हुआ। जो कि 5 कोस यानि 15 किलोमीटर की परिक्रमा परिधि में अयोध्या की जा रही है।

इस परिक्रमा में अयोध्या भगवान श्रीराम के जन्म स्थल के साथ 6000 देवी-देवताओं की प्रमुख मठ मंदिर स्थित है। और ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में स्थित सभी देवी देवताओं के मंदिरों की पूजा अर्चन एक साथ पूरा होता है। अयोध्या में चल रही पंचकोशी परिक्रमा को लेकर सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम लगाए गए हैं। स्थान स्थान पर स्वास्थ्य विभाग की टीम व सुरक्षा के जवान तैनात हैं।राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास के मुताबिक अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा प्राचीन परंपरा है सदियों से इस परंपरा के तहत अयोध्या में परिक्रमा की जाती है और ऐसा माना गया है कि परिक्रमा करने से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और शरीर की बुराइयां भी नष्ट होती हैं और मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है इसी कारण इस परिक्रमा को करने के लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं।

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