विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के निर्वाचक नियमावलियों का पुनरीक्षण के लिए राज्य स्तरीय अभियान का शुभारम्भ
लखनऊ। प्रदेश
के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने कहा की विश्व के सबसे
बड़े लोकतंत्र के हम नागरिक हैं, जिस पर हम सभी को गर्व है। लोकतंत्र के
लिए यह जरूरी है कि मतदाता सूची पूर्णरूप से स्वच्छ व स्वस्थ हो। इसके लिए
जागरूक मतदाता का होना भी आवश्यक है। मतदान के लिए जरूरी है कि स्वतंत्र,
निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान हो, यही भारत निर्वाचन आयोग की भी मंशा है,
साथ ही चुनाव में इक्सक्ल्यूसिवनेस हो, जिसमें महिलाओं, विकलांगों,
बुजुर्गों व युवाओं की सहभागिता हो।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं को मात्र दो
बार ही निर्वाचन आयोग से संपर्क होता है, जब वे मतदाता बनते हैं और दूसरी
बार जब वे वोट डालने जाते हैं। अगर मतदान का प्रतिशत बढ़ता है तो इससे मतदान
की महिमा बढ़ती है और हमारा लोकतंत्र मजबूत होता है। मुख्य
निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला आज लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय
सभागार में भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों
के निर्वाचक नियमावलियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अभियान के लिए
आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि
संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आयोग ने 01 जनवरी, 2022 को
आधार मानकर मतदाता बनने की अर्हता तिथि निर्धारित की है। उन्होंने कहा कि
जो पहली बार मतदाता बनने के लिए तथा स्थान परिवर्तन के लिए फार्म-06 भरे,
नाम परिवर्तन के लिए फॉर्म-8ए भरे, मतदाता पहचान पत्र में कोई त्रुटि होने
पर उसे ठीक करने के लिए फार्म-8 भरें, अप्रवासी भारतीयों के लिए विदेश में
रहने वाले भारतीय नागरिकों को फार्म-6ए भरना है। नाम विलोपित करने के लिए
फार्म-7 भरें।
इसी प्रकार मतदाता खुद भी वोटर हेल्पलाइन व पोर्टल पर आवश्यक
डॉक्यूमेंट अपलोड कर ऑनलाइन माध्यम से भी मतदाता बन सकते हैं। किसी भी
समस्या के लिए टोलफ्री नम्बर-1950 पर भी संपर्क कर सकते हैं। मुख्य
निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए प्रत्येक बूथ स्तर
पर भी बीएलओ मौजूद रहेंगे, साथ ही जिले स्तर पर जिला निर्वाचन अधिकारियों,
उप जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों, सहायक
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों के माध्यम से भी फॉर्म भरे जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण के लिए विशेष तिथियां
निर्धारित की गई हैं, अभी दावे और आपत्तियां प्राप्त करने के लिए 01 नवंबर
से 30 नवंबर 2021 तक की तिथि निर्धारित है, इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
प्रदेश में निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन 05 जनवरी, 2022 को होगा।
सभी मतदाता पोर्टल के माध्यम से भी अपना नाम है कि नहीं यह जान सकते हैं।
साथ ही बमवण्दपबण्पद पर भी जाकर अपना नाम जान सकते हैं।
मुख्य
निर्वाचन अधिकारी ने सभी नागरिकों से अपील की है कि अपना मतदाता फार्म
भरने के साथ ही अपने आसपास रहने वाले लोगों, परिवार व रिश्तेदारों को भी
जागरूक कर उनका मतदाता फार्म भरवाए तथा इस पुनीत कार्य में सभी अपना सहयोग
प्रदान करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी मतदाता का मतदाता सूची में नाम हो
और मतदान कार्ड न मिले, तो भी भारत निर्वाचन आयोग ने अन्य विकल्पों के आधार
पर उसका मतदान करा सकता है। इसके लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड
जरूरी है। उन्होंने लोगों से ऑनलाइन माध्यम का अधिक से अधिक प्रयोग करने पर
बल दिया। उन्होंने मतदाताओं से आग्रह किया कि जिस दिन मतदान हो बिना किसी
प्रलोभन के अपने मतदान का उपयोग करें, आयोग की भी यही मंशा है। उन्होंने
कहा कि एक भी मतदाता न छूटे, लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए यह जरूरी है। लखनऊ
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने इस अवसर पर कहा कि
लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए यह पहला अवसर है कि इस प्रकार का कार्यक्रम हुआ।
इस कार्यक्रम से तीन लाभ होंगे, यहां के छात्रों को सकारात्मक लाभ मिलेगा
और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने
साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी की रचना ’’गेहूं बनाम गुलाब’’ का भी उल्लेख
किया।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए
मतदाता जागरूकता के लिए सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो। इस अवसर में सभी
सहभागी बने। राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र भी इस कार्यक्रम के एंबेसडर
बनकर इस कार्य को आगे बढ़ाएं। अपर मुख्य निर्वाचन
अधिकारी डॉ ब्रह्मदेव राम तिवारी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जिन
मतदाताओं की आयु 01 जनवरी 2022 को 18 वर्ष या उससे अधिक हो रही है, वह
अपना पंजीकरण जरूर कराएं। प्रदेश के सभी आर0ओ0, ए0आर0ओ0, डिस्ट्रिक्ट
निर्वाचन अधिकारी, रजिस्ट्रीकरण कार्यालयों में मतदाता सूचियों का प्रकाशन
किया जा रहा है। मतदाता सूची में जिनका नाम नहीं है वे सबसे पहले फार्म-6
भर कर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं, इसके लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरह की
व्यवस्था की की गई है। विदेश में रहने वाले भारतीय प्रवासी नागरिकों के
लिए फार्म-6ए, किसी की मृत्यु होने या नाम विलोपित करने के लिए फार्म-7
भरना है, वोटर लिस्ट में नाम सुधार के लिए फॉर्म-8 भरना है। बूथ बदलने व
स्थान परिवर्तन के लिए फॉर्म-8ए भरना है। उन्होंने कहा कि 01 नवंबर से 30
नवंबर 2021 के तक मतदाता सूची का पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। 05
जनवरी 2022 को नई मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा। उन्होंने कहा
कि इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी भी घर-घर जाकर लोगों से संपर्क करके मतदाता
बनाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम जानने के लिए
बी0एल0ओ0 के साथ ए0आर0ओ0, आर0ओ0 कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के प्रत्येक जिले में आर0ओ0, ए0आर0ओ0 व बूथ
स्तर पर मतदाता पंजीकरण एवं पुनरीक्षण का कार्य किया गया तथा मतदाता सूची
का प्रकाशन भी किया गया। उन्होंने लोगों से अपील की कि एक जिम्मेदार नागरिक
के रूप में मतदाता बने और अपना राष्ट्रीय कर्तव्य निभाएं। उन्होंने कहा कि
सबसे बड़ा दान मतदान है और यह लोकतंत्र की रीढ़ है। उन्होंने लोगों का
आह्वान करते हुए कहा कि संकल्प हमारा न टूटे, कोई मतदाता न छूटे। यह हमारा
संकल्प हो। जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी, लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने इस अवसर पर कहा कि 01 जनवरी 2022 को जिनकी उम्र 18
वर्ष पूरी हो रही है, ऐसे मतदाता अपने मतदान का अवसर न चुके और मतदाता बनकर
अपना राष्ट्र धर्म निभाएं। उन्होंने कहा की इस विशेष अभियान का
राज्यस्तरीय शुभारंभ यहां किया गया है। कार्यक्रम की मंशा है कि यहां से
मतदाता जागरूकता का अभियान पूरे प्रदेश में फैले। उन्होंने कहा कि सही
मतदान के लिए एक अच्छी मतदाता सूची बने, इसके लिए सभी अपना सहयोग प्रदान
करें और एक जिम्मेदार नागरिक की भांति अपनी जिम्मेदारी को निभाये, जिससे कि
लोकतंत्र के महापर्व को सफल बनाया जा सके।
इस मतदाता
जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्वलित कर माँ
भगवती सरस्वती देवी पर माल्यार्पण कर किया। इस दौरान मतदाताओं को जागरूक
करने के लिए श्री रविशंकर देहाती द्वारा गाये गये मतदाता गीत की सीडी की
लांचिंग भी की गयी, साथ ही सभी अथितियों को स्मृति चिन्ह व पौधे भेंट किये
गये। कार्यक्रम में रविशंकर देहाती (गायक) द्वारा मतदाताओं को जागरूक
करने के लिए- ’मतदाता है महादान, मतदाता सूची में नाम दर्ज कर करें
महादान’, ’पंजीकरण करवाइयें वो बिरना, वोटर बनकर फर्ज निभाइयें, न बिरना’
जैसे गीतों की सुन्दर प्रस्तुती की गई।