राज्य लोक प्रशासन संस्थानों के सुदृढ़ीकरण पर दो-दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन


लखनऊ। प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) उत्तर प्रदेश सरकार क सहयोग से सेमी-वर्चुअल मोड में लखनऊ में 11-12 नवंबर को "राज्य लोक प्रशासन संस्थानों के सुदृढ़ीकरण" विषय पर क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है।
 
मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ, डॉ. जितेन्द्र सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय; राज्य मंत्रीकार्मिक; लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय; राज्य मंत्री परमाणु ऊर्जा विभाग एवं राज्य मंत्री अंतरिक्ष विभाग, भारत सरकार के साथ दो-दिवसीय समारोह का उदघाटन करेंगे। राजेन्द्र कुमार तिवारी, मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश सरकार और संजय सिंह, सचिव, डीएआरपीजी तथा आदिल जैनुलभाई, अध्यक्ष, क्षमता निर्माण आयोग भी उदघाटन सत्र को संबोधित करेंगे। एस.एन.त्रिपाठी, डीजी, आईआईपीए ‘’फेकल्टी क्षमता निर्माण’’ विषय पर उदघाटन पूर्व प्रथम सत्र की अध्यक्षता करेंगे।
 
प्रवीन परदेशी, सदस्य (प्रशासन), क्षमता निर्माण आयोग ‘’जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए भविष्य के सार्वजनिक समाधान परिवर्तन’’विषय पर उदघाटन पूर्व द्वितीय सत्र की अध्यक्षता करेंगे। भोजनावकाश के बाद के सत्रों में संजय सिंह, सचिव, डीएआरपीजी, एवं वी श्रीनिवास, विशेष सचिव, डीएआरपीजी की अध्यक्षता में क्रमश: ‘आई- गॉट’, ‘ई-गवर्नेंस’तथा एटीआईजमें उत्कृष्ट/शासन केंद्र की स्थापना पर प्रस्तुतीकरण होंगे। दूसरे दिन आदिल जैनुलभाई, अध्यक्ष, क्षमता निमार्ण आयोग की अध्यक्षता में पांचवे सत्र में ‘मिशन कर्मयोगी एवं प्रशिक्षण का भविष्य में लक्ष्य’पर प्रस्तुतीकरण होगा। छठवें सत्र के दौरान प्रदीप के. त्रिपाठी, सचिव, डीओपीटी, की अध्यक्षता में ‘’एटीआईज के ग्रेटर सिनर्जी’’ विषय पर प्रस्तुतीकरण होगें।
 
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर के सभी प्रशिक्षण संस्थानों को एक ही मंच पर लाना है ताकि जीवन की गुणवत्ता सुधारने, सतत् क्षमता निर्माण के लिए प्रशासनिक संस्थाओं के बीच तालमेल बनाकर (जैसा कि मिशन कर्मयोगी का लक्ष्य है) भविष्य के सार्वजिनक समाधान के लिए नई-नई आवश्यकताओं को साझा किया जा सके। सीटीआईज सेमी-वर्चुअल मोड में इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन के माध्यम से यह प्रयास है ताकि प्रशासनिक प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रथाओं के निर्माण एवं कार्यान्वयन, नागरिक केंद्रित शासन की सुविधा के लिए क्षमता निर्माण, ई-गवर्नेंस के माध्यम से बेहतर लोक सेवा तथा पारदर्शी, जवाबदेह और जनहितकारी प्रभावी शासन के अनुभवों को साझा करने के लिए एक सार्वजनिक मंच का निर्माण हो सके।

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