उप्र के महामंत्री ने राजनीतिक दलों पर कायस्थों को हिस्सेदारी न देने का लगाया आरोप
लखनऊ। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य मे सभी राजनीतिक दल
कायस्थों को अपमानित करते हुए कायस्थों की भूमिका संगठन और सरकारों में
शून्य करने पर उतारू हो गयी है। अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उत्तर प्रदेश के
महामंत्री श्याम चन्द्र श्रीवास्तव ने राजनीतिक दलों द्वारा अपनी सरकारों
में कायस्थों की हिस्सेदारी नगण्य रखने का आरोप लगाते हुए यह बात कही।
उन्होंने
बताया कि भारतवर्ष को एकता और अखंडता के साथ-साथ देश की सम्प्रभुता को
अच्छुण रखनें में कायस्थ बिरादरी का अभूतपूर्व योगदान रहा है। इतिहास
साक्षी है कि हम हमेशा राष्ट्र प्रथम मानते हुए इस देश के लिए सर्वस्व
न्यौछावर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। धर्म, संस्कृति, विज्ञान,
अध्यात्म, राजनीति, राष्ट्र सेवा में सदैव समर्पित रहने वाले हमारे कायस्थ
बिरादरी के लोगों ने सदैव सकारात्मक सन्देश दिया है। आज भी कायस्थ समाज के
लोग तन-मन-धन से देश के लिए अपनी आहुति देने से नहीं पीछे है।
दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी जैसे राजनितिक दल के साथ
कायस्थ बिरादरी सदैव जुड़ा रहा। आज राजनैतिक दुराग्रह से प्रेरित यह एवं
अन्य राजनीतिक दलों ने कायस्थों की भूमिका को अपनी सरकारों में शून्य करते
हुए कायस्थ बिरादरी के लोगों को पूरी तरह उपेक्षित कर अपमान का घूँट पीने
को मजबूर कर दिया है।
इसी कायस्थ विरोधी मानसिकता से कायस्थ बिरादरी पूरी
तरह से ठगा महसूस कर रहा है और अपने को अपमानित महसूस कर रहा है। श्रीवास्तव ने कहा कि आगामी तीन दिसंबर को लखनऊ में कायस्थ हुंकार रैली के
माध्यम से कायस्थों को जागृत करने के साथ साथ हम लोग अपने समाज की
राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक हिस्सेदारी तय करेंगे। इस विशाल आयोजन में
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री
सुबोध कांत सहाय अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्यसभा सांसद आरके
सिन्हा, विनोद विहारी वर्मा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे। प्रदेश
अध्यक्ष ने कहा कि मेरा मानना है कि समय है सरकार व संगठन कायस्थों के
बारे में पुनर्विचार कर उनको यथोचित सम्मान दे अन्यथा हम-सब कायस्थ बिरादरी
के लोग जैसे देश के लिए एक होकर संघर्ष किया वैसे ही अपने मान सम्मान
स्वाभिमान के लिए लड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।