गुरूद्वारा नाका हिंडोला में श्रद्धा के साथ मनाया गया मघ्घर माह का संक्रान्ति पर्व

लखनऊ। सायं मघ्घर माह संक्रान्ति पर्व पर श्री गुरू सिंह सभा ऐतिहासिक गुरूद्वारा नाका हिंडोला, लखनऊ में बड़ी श्रद्धा एवं सत्कार के साथ मनाया गया। जिसमें रहिरास साहिब के पाठ के उपरांत रागी जत्था भाई राजिन्दर सिंह जी अपनी मधुरवाणी मे शबद कीर्तन- ‘‘मघरि माहि सोहंदीया हरि पिर संग बैठड़आह, तिन की शोभा किया गयी जे साहिब मेलड़ीआह‘‘ द्वारा आई साध संगतों को निहाल किया।
 
ज्ञानी सुखदेव सिंह जी ने मघ्घर (मार्गर्शीष) माह संक्रान्ति पर्व पर कथा व्याख्यान करते हुए कहा कि इस महीने में जो व्यक्ति परमात्मा की प्राप्ति हेतु सत्संग करता है उसे संसार एवं परलोक दोनों में सम्मान प्राप्त होता है। संसार में धन,दौलत,पदार्थों द्वारा प्राप्त सम्मान केवल एक सीमित अवधि के लिए होता है और इन सभी वस्तुओं से कभी-कभी अपमान भी हो जाता है। लेकिन जो व्यक्ति परमात्मा की आराधना करता है उसकी शेाभा संसार में इतनी फैल जाती है कि उसका आंकलन करना भी मुमकिन नहीं क्योंकि परमात्मा के भक्त भी भगवान की तरह बहुमूल्य हो जाते है। 
 
इसलिए इस महीने में हमें ज्यादा से ज्यादा भजन सिमरन व सत्संग करना चाहिए ताकि भगवान हम पर अपनी असीम कृपा बनाये रखे। सिमरन साधना परिवार के बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में शब्द कीर्तन गायन किया। कार्यक्रम का संचालन स0 सतपाल सिंह ‘‘मीत’’ ने किया। दीवान की समाप्ति के उपरान्त लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष राजेन्द्र सिह बग्गा ने समूह संगत को मघ्घर (मार्गर्शीष) माह संक्रान्ति पर्व की बधाई दी। समाप्ति के उपरान्त गुरु का लंगर वितरित किया गया।

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